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ToggleRewa News: नीट परीक्षा केंद्र पर जनेऊ उतरवाने से विवाद, हिंदू संगठनों ने जताया विरोध
Rewa News: रीवा के टीआरएस कॉलेज में रविवार को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के दौरान एक परीक्षार्थी का जनेऊ उतरवाए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना ने तूल पकड़ लिया है, और हिंदू संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज कराया है।
पीड़ित छात्र की बहन ने जताया आक्रोश
पीड़ित छात्र की बहन ने भी एक वीडियो जारी कर परीक्षा केंद्र पर अपने भाई का जनेऊ उतरवाने की कार्रवाई को अनुचित ठहराया है। उसने इस कृत्य को सनातन संस्कृति का अपमान बताते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
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विश्व हिंदू परिषद ने की कार्रवाई की मांग
विश्व हिंदू परिषद के जिला सह संयोजक बालकृष्ण द्विवेदी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि टीआरएस कॉलेज में नीट परीक्षा में परीक्षार्थियों को प्रवेश देने के समय बच्चों का जनेऊ उतरवाना सनातन परंपरा का घोर अपमान है। उन्होंने इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और नियम पालन
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को रीवा शहर के 13 परीक्षा केंद्रों पर नीट यूजी की परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रत्येक केंद्र पर लगभग 500 परीक्षार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और नियमों का सख्ती से पालन कराया गया।

कलेक्टर का स्पष्टीकरण: नियमों का पालन कराया गया
इस मामले पर रीवा की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि नीट परीक्षा के लिए जो भी नियम और दिशानिर्देश तय किए गए थे, उनका पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर ऊंची हील वाली सैंडल, ब्रेसलेट, स्मार्ट वॉच, लंबी आस्तीन की शर्ट और अन्य संदिग्ध वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि परीक्षार्थियों को पारदर्शी बोतल में पानी लाने की अनुमति दी गई थी, जबकि परीक्षा केंद्र में जूते पहनकर जाने की अनुमति नहीं थी। परीक्षार्थी कम हील की सैंडल या चप्पल पहनकर परीक्षा देने पहुंचे थे। इसके अतिरिक्त, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, इयरफोन, माइक्रोफोन, पेजर, हीट बैंड जैसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और चश्मा, घड़ी, बेल्ट, कैप, हैंडबैग, कैमरा, ब्रेसलेट और किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध था। अपारदर्शी बोतल में पानी ले जाने की भी अनुमति नहीं थी।
कलेक्टर ने यह भी जानकारी दी कि नकल को रोकने के उद्देश्य से परीक्षार्थियों के कपड़ों पर भी विशेष ध्यान दिया गया था। परीक्षार्थी हल्के कपड़े पहनकर परीक्षा देने आए थे, जिनकी आस्तीन लंबी नहीं थी। फैंसी पॉकेट, जिपर, बैज आदि लगे कपड़े पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश वर्जित था। उन्होंने दोहराया कि परीक्षा केंद्र में परीक्षा में शामिल होने के लिए निर्धारित सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया गया था।

धार्मिक भावनाओं का अनादर
हालांकि, जनेऊ उतरवाने की घटना को लेकर हिंदू संगठनों और छात्र के परिवार में नाराजगी अभी भी बनी हुई है। उनका मानना है कि जनेऊ एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है और परीक्षा केंद्र पर इसे उतरवाना उनकी धार्मिक भावनाओं का अनादर है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है।