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Toggleबारदाना संकट: सतना और मैहर में MSP पर गेहूं खरीदी प्रभावित, किसान परेशान
बारदाना संकट: सतना और मैहर जिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीदी बारदानों की भारी कमी के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही है. किसान पिछले 4-5 दिनों से अपनी ट्रॉलियों में गेहूं भरकर खरीदी केंद्रों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
खरीदी केंद्रों पर दोहरी मार
खरीदी केंद्रों पर इस समय दो प्रमुख समस्याएं व्याप्त हैं. पहली और सबसे बड़ी समस्या है बारदानों की अनुपलब्धता, जिसके चलते खरीदी कार्य ठप पड़ा हुआ है. दूसरी गंभीर समस्या यह है कि अब तक खरीदे गए लगभग 8 लाख क्विंटल गेहूं का परिवहन नहीं हो सका है, जिससे केंद्रों में भंडारण के लिए जगह की कमी हो गई है.
पंजीकृत किसानों को हो रही परेशानी
जानकारी के अनुसार, सतना और मैहर जिले में इस वर्ष लगभग 69 हजार किसानों ने गेहूं बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया था. इनमें से 40 हजार से अधिक किसान स्लॉट बुकिंग कराने के बावजूद बारदानों की कमी के कारण अब तक अपना गेहूं नहीं बेच पाए हैं. जबकि सरकार ने गेहूं खरीदी की अंतिम तिथि 5 मई निर्धारित की है, जिससे किसानों पर जल्दबाजी का दबाव बना हुआ है.

मांग के बावजूद बारदानों की आपूर्ति नहीं
नान सतना ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए आवश्यक लगभग 50 लाख बारदानों की मांग 15 मार्च से पहले ही अपने राज्य मुख्यालय को भेज दी थी. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक बुधवार को होने वाली वर्चुअल समीक्षा बैठक में भी पीएस फूड को बारदानों की कमी के कारण खरीदी कार्य में आ रही दिक्कतों से अवगत कराया जाता रहा है. विडंबना यह है कि इन प्रयासों के बावजूद, एक माह बीत जाने के बाद भी नान के स्टेट हेड द्वारा जिले को कुल आवश्यकता के मुकाबले अब तक केवल लगभग 25 लाख बारदानों की आपूर्ति ही सुनिश्चित की जा सकी है, जिसके चलते कई केंद्रों पर बारदानों के अभाव में खरीदी कार्य पूरी तरह से बंद हो गया है.
प्रशासन कर रहा समाधान के प्रयास
जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) सम्यक जैन ने इस गंभीर स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समस्या के समाधान के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि डीएम नान को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है. इसके साथ ही, परिवहन कार्य में अपेक्षित तेजी नहीं आने के कारण नान के जिला प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस (शोकाज नोटिस) भी जारी किया गया है.
किसानों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा और खरीदे गए गेहूं का तेजी से परिवहन कराएगा, ताकि वे अपनी उपज बेच सकें और उन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े.