Table of Contents
Toggleसीधी: 15 दिन से अंधेरे में डूबा चितवरिया गाँव, किसान धरने पर
सीधी: बुन्देलखण्ड के सीधी जिले के एक गाँव की जीवनरेखा यानी बिजली की आपूर्ति 15 दिनों से टूटी हुई है. गाँव का ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद भी बिजली विभाग द्वारा नया ट्रांसफार्मर लगाने में हो रही देरी से ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस समस्या के समाधान को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया है.
गाँव में जीवन ठप, किसानों की चिंता बढ़ी
जनपद पंचायत सिहावल के अंतर्गत आने वाले गाँव चितवरिया का ट्रांसफार्मर करीब पंद्रह दिन पहले जल गया था. तब से अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसकी वजह से न केवल गाँव में रोशनी गायब है बल्कि कृषि और दैनिक जीवन भी गहरे संकट में फंस गया है. किसानों का सबसे बड़ा डर यह है कि बिजली न होने से उनकी फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है और फसलें सूखने का खतरा पैदा हो गया है.
बच्चों की पढ़ाई से लेकर संचार तक बाधित
बिजली के अभाव ने ग्रामीणों की रोजमर्रा की जरूरतों को भी प्रभावित किया है. मोबाइल फोन जैसे जरूरी संचार साधनों को चार्ज करना मुश्किल हो गया है. इससे न केवल बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि अन्य जरूरी काम भी रुक गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा.
किसानों ने दिया धरना, उग्र आंदोलन की चेतावनी
इस समस्या के निवारण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को सिहावल स्थित बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. किसान राम स्वयंवर पटेल ने साफ कहा कि जब तक पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल खुद आकर आश्वासन नहीं देते और अधिकारियों को ट्रांसफार्मर लगाने का निर्देश नहीं देते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर फसलें सूख गईं तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे अपना प्रदर्शन और उग्र कर देंगे.
विभाग का दावा – जल्द लगेगा नया ट्रांसफार्मर
वहीं इस मामले में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता अजीत सिंह ने बताया कि नया ट्रांसफार्मर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उन्होंने दावा किया कि सभी जरूरी सर्वेक्षण कार्य पूरे कर लिए गए हैं और जल्द ही गाँव में नया ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया जाएगा. ग्रामीणों को उम्मीद है कि विभाग का यह वादा जल्द ही हकीकत में बदलेगा और गाँव एक बार फिर से रोशनी से जगमगा उठेगा.