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सिंगरौली जल संकट: बूंद-बूंद पानी को तरसते गांव, कब जागेगा प्रशासन?

सिंगरौली जल संकट: बूंद-बूंद पानी को तरसते गांव, कब जागेगा प्रशासन?

सिंगरौली जल संकट: बूंद-बूंद पानी को तरसते गांव, कब जागेगा प्रशासन?

सिंगरौली जल संकट: सिंगरौली जिले में ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही पेयजल की समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है. विशेष रूप से जिले के चितरंगी क्षेत्र अंतर्गत बसाही ग्राम पंचायत में हालात अत्यधिक चिंताजनक बने हुए हैं.

बसाही की हरिजन बस्ती: बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष

बसाही की हरिजन बस्ती में निवास करने वाली लगभग 100 लोगों की आबादी दैनिक रूप से पीने के पानी की व्यवस्था के लिए 2 किलोमीटर का दुर्गम रास्ता तय करने को विवश है. महिलाएं अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर और सिर पर पानी से भरी बाल्टियाँ रखकर लाने के लिए मजबूर हैं. बस्ती में पेयजल का कोई भी स्थायी स्रोत उपलब्ध नहीं है, न तो कोई हैंडपंप और न ही कोई कुआँ.

सिंगरौली में गहराता पेयजल संकट: बसाही में ग्रामीण 2 किमी पैदल चलकर बुझा रहे प्यास
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वर्षों से अनसुनी समस्या

ग्राम पंचायत के सरपंच सीता प्रसाद जयसवाल के अनुसार, यह समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है. उन्होंने इस गंभीर स्थिति से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राधा सिंह और जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराया है, परन्तु अब तक कोई भी ठोस समाधान नहीं निकल सका है.

प्रशासन का आश्वासन, स्थिति जस की तस

इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रभारी जनपद सीईओ आर एन सिंह ने कहा कि वे यथाशीघ्र बस्ती में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे. हालांकि, यह विकट स्थिति केवल बसाही ग्राम तक ही सीमित नहीं है. चितरंगी क्षेत्र सहित सिंगरौली जिले के अधिकांश ग्रामीण अंचलों में पेयजल की यही समस्या व्याप्त है.

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