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खेती से संवरेगा युवाओं का भविष्य, मोहन सरकार का वादा कैसे पूरा करेंगे सभी विश्वविद्यालय?

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में खेती की पढ़ाई होगी.

मध्यप्रदेश की मोहन सरकार (Mohan Sarkar) ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में खेती की पढ़ाई (Agriculture education) के लिए बीएससी एग्रीकल्चर (BSc Agriculture) कोर्स शुरू करने का वादा किया है. इसके लिए प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में एडमिशन भी हो चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कृषि की पढ़ाई प्रदेश में कहां – कहां करवाई जा रही है.

बता दें कि 6 मार्च 2024 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भिंड के दौरे पर थे. यहां पर उन्होंने भिंड में नए कॉलेज खोलने के ऐलान के साथ ही प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में खेती की पढ़ाई कराने की बात कही. इस दौरान किसानों की लिए कई योजनाओं का भी ऐलान सीएम मोहन यादव ने किया.

स्टूडेंट को होगा लाभ
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में खेती की पढ़ाई शुरू होने से स्टूडेंट्स को लाभ होगा. ऐसे में अब पढ़ाई करने के लिए इन स्टूडेंट्स को किसी दूसरे राज्य में जाने की आवश्यकता नहीं होगी. स्टूडेंट अपने आस पास की नजदीकी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर कृषि से जुड़ी संबंधित पढ़ाई कर सकते हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत है BSc AG
प्रदेश के चार सरकारी और 18 स्वायतशासी कालेजों में बीएससी एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शासन ने विश्वविद्यालय और कॉलेजों को निर्देशित किया है कि जिनके पास खेती के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है, वो आसपास के किसानों से अनुबंध करके प्रैक्टिकल कराएंगे.

इन कॉलेजों में होती है कृषि की पढ़ाई
वर्तमान में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले अभी प्रदेश के तीन परंपरागत विश्वविद्यालय में कृषि पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इसमें जबलपुर में जवाहरलाल नेहरु कृषि विवि व ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि शामिल है. जानकारी के लिए बता दें कि शासन के निर्देश के बाद इंदौर का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय, रीवा का अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और प्रदेश के 18 स्वायतशासी कालेजों में खेती की पढ़ाई शुरू की गई है.

खेती की पढ़ाई के लिए मोहन सरकार का क्या प्लान है जानने के लिए देखिए ये वीडियो।।