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क्या ईडी का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को डराने के लिए होता है? जानिए कैसे होता है पूरा खेल

Enforcement Directorate यानी ईडी एक कानून प्रवर्तन और आर्थिक खुफिया एजेंसी है. यह भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार है. समय - समय पर ईडी के ऊपर विपक्षी नेताओं को डराने के आरोप लगते रहे हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) एक कानून प्रवर्तन और आर्थिक खुफिया एजेंसी है. यह भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार है. समय – समय पर ईडी के ऊपर विपक्षी नेताओं को डराने के आरोप लगते रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी को पिजरे में बंद तोता कहकर संबोधित किया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से 2022 तक ईडी के दर्ज मामलों में क़रीब 95 फ़ीसदी यानी 115 नेता विपक्षी पार्टियों से थे.

क्या हैं बीजेपी पर आरोप
विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि कई पार्टियों के नेताओं के ख़िलाफ़ ईडी और सीबीआई के मामले दर्ज हैं. जैसे ही कोई नेता बीजेपी में शामिल होता है, उसके सारे पुराने मामले बंद कर दिए जाते हैं या फिर उनको ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. विपक्ष का कहना है कि जो बीजेपी पार्टी में शामिल हो जाता है, उनके सारे मामले रफा दफ़ा हो जाते हैं. भाजपा में नहीं शामिल होने वालों के खिलाफ मामले चलते हैं और उनको जेल तक जाना पड़ता है.

PMLA केस का संसद में हुआ खुलासा
संसद के शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी है कि PMLA के मामलों में दोष सिद्धि की दर 5% से भी कम है. उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2019 से 21 अक्टूबर 2024 के बीच PMLA के तहत कुल 911 मामले दर्ज किए गए. जिनमे से केवल 42 मामलों (4.6%) में ही दोष सिद्ध हुआ. 257 मामले केस ट्रायल के स्टेज तक पहुंचे जबकि 654 मामले यानी 71.1% केस अभी तक पेंडिंग हैं. विपक्षी दलों ने ये आरोप लगाया है कि सरकार ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी और PMLA का दुरुपयोग किया है.

ईडी का गठन
बता दें कि ईडी का गठन विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 के तहत विनिमय नियंत्रण कानून के उल्लंघनों से निपटने के उद्देश्य से किया गया था. साल 1956 में आर्थिक मामलों के विभाग के तहत एक ‘प्रवर्तन इकाई’ के रूप में स्थापित किया गया था, 1957 में इसका नाम बदलकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर दिया गया. बता दें कि ईडी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और पूरे देश में इसके कई क्षेत्रीय कार्यालय हैं.

प्रवर्तन निदेशक के हाथ में ईडी की कमान
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशक करते हैं. यह भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के पद के अधिकारी होते हैं. निदेशक एजेंसी के संचालन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है और राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट करता है. निदेशक की सहायता के लिए कई विशेष निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक और प्रवर्तन अधिकारी होते हैं.

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ईडी के कार्यालय
ईडी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. इसके अलावा मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में पांच क्षेत्रीय कार्यालय हैं. ये क्षेत्रीय कार्यालय पुणे, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, कोच्चि, दिल्ली, पणजी, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और श्रीनगर सहित भारत के विभिन्न शहरों में स्थित कार्यालयों के संचालन की देखरेख करते हैं.

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ईडी के ऊपर लगे आरोपों के बारे में जानने के लिए देखिए ये वीडियो।।