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भारत बनेगा आईफोन का ग्लोबल हब: 2025 तक 30% उत्पादन होगा ‘मेड इन इंडिया’

भारत बनेगा आईफोन का ग्लोबल हब: 2025 तक 30% उत्पादन होगा 'मेड इन इंडिया'

भारत बनेगा आईफोन का ग्लोबल हब: 2025 तक 30% उत्पादन होगा ‘मेड इन इंडिया

भारत बनेगा आईफोन का ग्लोबल हब: ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन, जो एपल के लिए आईफोन असेंबल करती है, ने बेंगलुरु के पास देवनहल्ली में 300 एकड़ में 21,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक विशाल प्लांट स्थापित किया है. यहां वर्तमान में 8,000 कर्मचारी कार्यरत हैं और साल के अंत तक यह संख्या 40,000 तक पहुंचने की उम्मीद है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, 2025 की शुरुआत में 18% आईफोन भारत में बनने लगे थे, जो देवनहल्ली प्लांट के पूर्ण संचालन के बाद 25-30% तक पहुंच जाएगा .

अमेरिका vs भारत: एपल का रणनीतिक फैसला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “अमेरिका में आईफोन बनाओ” की मांग के बावजूद, एपल ने भारत को प्राथमिकता दी है. इसके पीछे प्रमुख कारण हैं:

  • श्रम लागत: भारत में कुशल श्रमिक अमेरिका की तुलना में कम वेतन पर उपलब्ध हैं.
  • आपूर्ति श्रृंखला: कोविड-19 के बाद चीन पर निर्भरता कम करने की वैश्विक रणनीति का हिस्सा .
  • सरकारी प्रोत्साहन: भारत सरकार की PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना ने विदेशी निवेश को आकर्षित किया है .

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: रोजगार और वेतन वृद्धि

फॉक्सकॉन प्लांट के आसपास के क्षेत्रों में:

  • मजदूरी में 10-15% की वृद्धि हुई है.
  • स्थानीय कंपनियों जैसे इंडो-मिम और सेंटम को आईफोन सप्लाई चेन में शामिल होने का अवसर मिला है.
  • बैंकिंग, परिवहन और रियल एस्टेट जैसे सहायक उद्योगों को बढ़ावा मिला है .
भारत बनेगा आईफोन का ग्लोबल हब: 2025 तक 30% उत्पादन होगा 'मेड इन इंडिया'
भारत बनेगा आईफोन का ग्लोबल हब: 2025 तक 30% उत्पादन होगा ‘मेड इन इंडिया’

चुनौतियाँ: आयात पर निर्भरता और कुशल श्रम की कमी

भारत अभी भी आईफोन निर्माण के लिए 1,000 से अधिक घटकों (चिप्स, कैमरा मॉड्यूल आदि) का आयात करता है. हालांकि, सरकारी नीतियों के तहत:

  • एपल ने केसिंग, ग्लास और पेंट जैसे घटकों की खरीद भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से शुरू की है.
  • 2028 तक एपल को अपने उत्पादों का 30% मूल्य भारत में जोड़ने की शर्त लागू की गई है .

भविष्य की राह: सेमीकंडक्टर और ईवी मैन्युफैक्चरिंग

फॉक्सकॉन ने भारत में और विस्तार की योजना बनाई है:

  • वेदांता के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर चिप्स और डिस्प्ले पैनल बनाने का प्रोजेक्ट.
  • नोएडा में 300 एकड़ में नया प्लांट, जहां आईफोन के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा.

भारत न केवल “विश्व का फोन फैक्ट्री” बन रहा है, बल्कि तकनीकी स्वावलंबन की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. फॉक्सकॉन और एपल जैसी कंपनियों के निवेश से रोजगार सृजन, स्थानीय विनिर्माण क्षमता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका मजबूत हो रही है. हालांकि, घटकों के स्थानीयकरण और कुशल श्रमिकों के प्रशिक्षण पर अभी और काम करने की आवश्यकता है.

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