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रीवा: विंध्य के सफ़ेद शेर स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का भव्य अनावरण, उमड़ा जनसैलाब 

रीवा: विंध्य के सफ़ेद शेर स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का भव्य अनावरण, उमड़ा जनसैलाब 

रीवा: विंध्य के सफ़ेद शेर स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का भव्य अनावरण, उमड़ा जनसैलाब

रीवा: विंध्य क्षेत्र के लोकप्रिय नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी की जयंती के अवसर पर रीवा शहर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एसएएफ चौराहे पर आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लेकर अपने नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की.

जनसैलाब ने ली अनावरण समारोह में भागीदारी

कार्यक्रम स्थल पर जनसैलाब उमड़ आया. इसमें प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ प्रदेश और विंध्य अंचल से आए हजारों समर्थकों और गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया. पूरे क्षेत्र में अपने नेता के प्रति श्रद्धा और सम्मान का अनूठा वातावरण बना हुआ था. लोगों ने स्व. तिवारी के चित्रों और फूलमालाओं के साथ उन्हें याद किया.

जीतू पटवारी ने किया प्रतिमा का अनावरण

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने अपने करकमलों से स्व. श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस अवसर पर उन्होंने स्व. तिवारी के जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया.

रीवा: विंध्य के सफ़ेद शेर स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का भव्य अनावरण, उमड़ा जनसैलाब 
रीवा: विंध्य के सफ़ेद शेर स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा का भव्य अनावरण, उमड़ा जनसैलाब

“सर्वहारा वर्ग के सच्चे नेता थे श्रीनिवास तिवारी”

इस मौके पर श्री जीतू पटवारी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “श्रीनिवास तिवारी सर्वहारा वर्ग के सच्चे नेता थे. उन्होंने जन-जन के हित और विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया. उनके संघर्ष और योगदान को आने वाली पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी. आज उनकी यह प्रतिमा उनके आदर्शों को सदैव जीवित रखेगी और समाज को प्रेरणा देती रहेगी.”

एक जीवंत विरासत है स्व. तिवारी का जीवन

स्व. श्रीनिवास तिवारी को ‘विंध्य का शेर’ के नाम से जाना जाता था. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में सामाजिक न्याय और गरीबों, वंचितों के उत्थान के लिए निरंतर संघर्ष किया. उनका जीवन और मूल्य आज भी क्षेत्र की जनता के लिए एक जीवंत विरासत हैं. यह प्रतिमा न केवल एक श्रद्धांजलि है बल्कि उनके द्वारा स्थापित मानदंडों को बनाए रखने का एक प्रतीक भी है.

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