पेपर लीक (paper leak) को रोकने के लिए फरवरी 2024 में लोकसभा में पेश किए गए विधेयक में कहा गया यह “राज्यों के लिए अपनी अक्लमंदी पर अपनाने के लिए एक मॉडल ड्राफ्ट” (model draft) के रूप में काम करेगा. ये इससे ज़्यादा सामयिक नहीं हो सकता. क्योंकि, इन्हीं राज्यों में परीक्षा लीक के मामले सबसे गंभीर और व्यापक हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस (the indian express) ने पिछले पांच सालों में 15 राज्यों में भर्ती परीक्षाओं में लीक के 41 दर्ज मामलों की जांच की – जो सामने आया वो चौंकाने वाला था. पेपर लीक की वजह से 1.4 लाख से कुछ अधिक पदों के लिए आवेदन करने वाले 1.4 करोड़ आवेदकों का शेड्यूल पटरी से उतर गया.
उम्मीदवारों के सिलसिलेवार बैचों के बीच समस्या इतनी बड़ी है कि, पेपर लीक और परीक्षा की रूकावट विधानसभा चुनाव में एक गर्म चर्चा का मुद्दा था. इसके अलावा भी ऐसे समय में नौकरी की रिक्तियों से जुड़ा है जब राज्यों में सरकारी पदों की संख्या कम हो रही है.
राजस्थान चुनाव के दौरान, भाजपा ने पेपर लीक में पार्टी के बड़े पदाधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा. तेलंगाना में, कांग्रेस ने टीएसपीएस द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लीक को लेकर बीआरएस सरकार पर हमला किया. दोनों ने मौजूदा सरकार को हरा दिया.
यह मुद्दा प्रधानमंत्री के चुनावी भाषणों में भी उठा, जिन्होंने नवंबर 2023 में कोटा के कोचिंग हब में आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने “सभी परीक्षाओं के पेपर बेच दिए” और गारंटी दी कि पेपर लीक में शामिल सभी लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा.
राजस्थान और उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा से लेकर असम, राजस्थान, कर्नाटक और जम्मू और कश्मीर में पुलिस भर्ती परीक्षाओं तक. उत्तराखंड में वनपाल भर्ती परीक्षा से लेकर तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और राजस्थान में इंजीनियर भर्ती परीक्षा तक को इस जाँच में शामिल किया गया. सभी लीक स्पष्ट थे.
- असम में, परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट बाद प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर प्रसारित किया गया था.
- राजस्थान में एक राज्य कर्मचारी ने कथित तौर पर एक सरकारी कार्यालय से कागज़ चुरा लिया.
- मध्य प्रदेश में, पुलिस ने दावा किया कि आरोपी मुंबई में परीक्षा आयोजित करने वाली एक निजी कंपनी के “सर्वर को हैक” करने में कामयाब रहे.
- महाराष्ट्र में, एक छात्र ने सोशल मीडिया पर लीक की रिपोर्ट करते हुए पुलिस से संपर्क किया.
इन्हें जिस भी तरह से फैलाया गया हो लेकिन इसके व्यापक प्रभावों ने बड़े पैमाने पर लोगों की ज़िंदगी पर असर डाला है.
पेपर कैंसिलेशन के बाद एक लम्बे इंतजार
परीक्षार्थियों को इन मामलों में दोबारा जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है. उदाहरण के लिए, तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग की आयोजित वर्ग एक प्रारंभिक परीक्षा को लें. यह 16 अक्टूबर, 2022 को आयोजित की गयी थी, लेकिन पेपर लीक आरोपों की जांच कर रही जांच टीम के खिलाफ आरोपों का साथ देने के सुराग मिलने पर 2023 में परीक्षा रद्द की गई. कुछ उम्मीदवारों ने अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद 11 जून, 2023 को फिर से आयोजित परीक्षा भी रद्द कर दी गई थी. इस स्क्रीनिंग परीक्षा के ज़रिए अलग-अलग विभागों में 503 पदों के लिए 3.8 लाख से अधिक उम्मीदवार कम्पटीशन कर रहे थे. आज भी उनका इंतज़ार जारी है.
कम से कम 15 मामलों में, लीक के करीबन एक साल बाद परीक्षा आयोजित की गई. 4 मामलों में 2 साल तक इंतजार. और 7 मामलों में, उम्मीदवार अभी भी इंतजार कर रहे हैं.
गुजरात में, नवंबर 2019 में क्लर्क और कार्यालय सहायकों के करीब 4,000 पदों के लिए भर्ती परीक्षा में 6 लाख के करीब उम्मीदवार थे. परीक्षा रद्द होने के बाद, 2 साल से अधिक समय तक इंतजार चला – फिर परीक्षा अप्रैल 2022 में आयोजित की गई.
9 सितंबर 2020 को 597 निहत्थे पुलिस उप-निरीक्षक पदों के लिए भर्ती परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट बाद, असम राज्य स्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड ने व्हाट्सएप पर क्वेश्चन पेपर लीक होने की रिपोर्ट के बाद इसे रद्द कर दिया. इसमें 66,000 से अधिक उम्मीदवार थे. भाजपा की राज्य सरकार ने पुन: परीक्षा आयोजित करने में जल्दबाजी की और दो महीने बाद 22 नवंबर को इसे आयोजित किया. राज्य ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित 40 को गिरफ्तार किया और 36 को charge sheet में दर्ज किया गया. लेकिन असम की ये कार्रवाई नियम के बजाय अपवाद थी. ज्यादातर मामलों में बिना कार्रवाई के महीने और साल गुजर जाते हैं.
तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जनवरी और फरवरी 2023 में लेखा अधिकारियों और सहायक कार्यकारी इंजीनियरों के लिए आयोजित तीन रद्द परीक्षाओं में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे 2.5 लाख उम्मीदवार प्रभावित हुए. इसके अलावा, दिसंबर 2023 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव के कारण पुन: परीक्षाएँ स्थगित कर दी गई थीं और अभी तक फिर से आयोजित नहीं की गई हैं.
हरियाणा में, पिछले साल 15 जनवरी 2023 को राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा 383 पशुचिकित्सकों की भर्ती परीक्षा पेपर लीक शक के आधार पर रद्द कर दी गई थी, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई और अभी तक दोबारा परीक्षा अभी भी नहीं हुई है.
एक के बाद एक घोटाले ने कई राज्य सरकारों को परीक्षा संबंधी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना कानून लाने के लिए मजबूर किया है. 2021 में शिक्षकों के लिए राजस्थान पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने पर आक्रोश के बाद – 12.67 लाख उम्मीदवार प्रभावित हुए जिसके लिए 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया – राज्य सरकार ने 10 साल तक की कैद और जुर्माने की सजा के प्रावधान वाला एक कानून पारित किया. पेपर लीक के लिए 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, साथ ही संपत्ति की कुर्की और जब्ती. इसके बावजूद पेपर लीक हुए. जिसके बाद राज्य सरकार ने सज़ा को बढ़ाकर आजीवन कारावास करने के लिए कानून में संशोधन किया.
कई राज्यों ने 2023 में ऐसे कानून और अध्यादेश जारी किए. झारखंड, उत्तराखंड और गुजरात सभी ने धोखाधड़ी विरोधी कानून पेश किए, जिनमें ग़लत सोर्स का इस्तमाल करने वाले परीक्षार्थियों और सेवा प्रदाताओं दोनों के कारावास का प्रावधान है. तीनों राज्यों के पेश किए गए कानूनों में दोषी पाए गए परीक्षार्थियों को एक निश्चित समय के लिए भर्ती परीक्षा लिखने से रोकने का भी प्रावधान है.
राज्यों में आश्वासन और वादे
मध्य प्रदेश में इस साल की परीक्षा पे चर्चा के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय सिंह ने परीक्षा लीक रोकने के लिए सख्त कानून लाने की बात कही. शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा “हम यह तय करने के तरीकों पर भी चर्चा कर रहे हैं कि, सभी प्रकार की परीक्षाओं के पेपर लीक के आरोपियों के लिए जमानत के लिए कड़े प्रावधान हों… हम परीक्षा आयोजित करने वाले तीसरे पक्षों को कंट्रोल करने वाले सख्त नियम लाने पर भी विचार कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई लीक न हो…भोपाल और इंदौर में पटवारी कथित पेपर लीक के दौरान छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार ने त्वरित कार्रवाई की – परीक्षा रोक दी गई और जांच के आदेश दिए गए. यह हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है.”
जबकि तेलंगाना में बीआरएस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान लीक की वजहों और व्यक्तियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल नियुक्त किया था, लेकिन उसने विशेष रूप से उन्हें रोकने के लिए कोई योजना नहीं मांगी थी. तेलंगाना में नई कांग्रेस सरकार पेन और पेपर परीक्षा को ऑनलाइन करने पर भी विचार कर रही है.
राजस्थान में नई बीजेपी सरकार आने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राज्य में पेपर लीक की जांच के लिए एक विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की. फरवरी महीने में स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया एसआईटी पेपर लीक की जांच कर रही है. और जांच के दौरान जो तथ्य सामने आएंगे, उनसे लीक को सुलझाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने पर ही सरकार कमियों का पता लगाने और उन्हें दूर करने की स्थिति में होगी.
अरुणाचल प्रदेश में भी सहायक अभियंता भर्ती परीक्षा 2022 में लीक के बाद राज्य लोक सेवा आयोग के कार्य पर सार्वजनिक आक्रोश देखा गया. राज्य सरकार ने अप्रैल 2014 से अगस्त 2022 तक 8 साल की अवधि के दौरान एपीपीएससी की आयोजित कई भर्ती परीक्षाओं में कथित प्रश्न पत्र लीक की जांच करने के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया.