ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2023-24 में भारत और चीन (CHINA) के बीच कुल 118.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है. इतना ही नहीं भारत से द्विपक्षीय व्यापार (BUSINESS) के मामले में चीन ने अब अमेरिका (AMERICA) को पीछे छोड़ दिया है. साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच एक विवाद हुआ था. जिसके बाद ये दावा किया जा रहा था कि, अब भारत और चीन के बीच कोई व्यापारिक सम्बन्ध नहीं रहेंगे. लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बन्ध पर कोई असर नहीं पड़ा.
1 अरब डॉलर को अगर भारतीय मुद्रा में बदलते हैं तो इसका मूल्य 83 अरब 64 करोड़ 29 लाख होगा. 118.4 अरब डॉलर कितना ज्यादा होगा. 2021-22 और 2022-23 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार अमेरिका था लेकिन अब ये जगह चीन ने ले ली है.
पिछले कई सालों से भारत-चीन एक तरफ जहा गतिरोध बढ़ा है वही दूसरी तरफ चीन पर भारत की निर्भरता में भी किसी प्रकार की कमी नहीं आई है. साल 2019-20 में भारत ने चीन के साथ 86 अरब डॉलर का व्यापर किया था, जबकि साल 2021-22 में भारत और चीन के बीच करीब 115 अरब डॉलर का व्यापर हुआ था.
GLOBAL TRADE RESEARCH INITIATIVE के डाटा के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन को निर्यात 8.7% बढ़कर 16.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. चीन को निर्यात बढ़ाने में भारत के लौह अयस्क, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, मसाले, फल, सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम की अहम भूमिका रही.
वहीं चीन से आयात में 3.24% का उछाल आया और यह 101.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. भारत चीन से ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक सामान, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, बॉयलर, ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक का सामान, फर्टिलाइजर, गाड़ियों से जुड़ा सामान, केमिकल प्रोडक्ट्स, आयरन एंड स्टील, आयरन एंड स्टील का सामान और एलुमिनियम खरीदता है.
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (Trading Partner) चीन रहा. भारत के इकोनॉमिक थिंक टैंक- GTRI के डाटा के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में भारत और चीन के बीच दोतरफा व्यापार करीब 118.4 अरब डॉलर का रहा. यह भारत और अमेरिका के बीच हुए व्यापार की तुलना में थोड़ा अधिक है.
4 देश जिनके साथ भारत का व्यापार बढ़ा
चीन के अलावा भारत ने 4 देशों के साथ मुक्त व्यापार करने का समझौता किया है. जिनमें सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, कोरिया और इंडोनेशिया शामिल है. देशों के साथ व्यापारिक घाटे में 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार भारत में व्यापारिक घाटा बढ़ा है. 2023-24 में चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 85 अरब डॉलर, रूस के साथ 57.2 अरब डॉलर, कोरिया के साथ 14.71 अरब डॉलर और हांगकांग के साथ 12.2 अरब डॉलर हो गया. जबकि 2022-23 में यह क्रमश: 83.2 अरब डॉलर, 43 अरब डॉलर, 14.57 अरब और 8.38 अरब डॉलर था.
भारत – चीन के सम्बन्ध
भारत और चीन line of actual control से जुड़े हैं. यह एक बॉर्डर है जो की भारत और अक्साई चीन को एक दूसरे के साथ जोड़ता है. दरअसल ये भारत का वो हिस्सा है जिसे की चीन ने 1962 के युद्ध में भारत से हथिया लिया था. जिसके बाद से भारत का वो हिस्सा अभी तक चीन के ही पास है. भले ही हम इस हिस्से को भारत के मैप में दिखा देते है. लेकिन ये हिस्सा हम चीन से ले नहीं पाए है. वहींसमय समय पर LOC में दोनों ही देशों के बीच झड़प और विवाद देखने को मिलता है.
भारत और चीन के बीच 1959-2020 तक लगभग 7 बार युद्ध हो चुका है
साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें दोनों पक्षों को जान-माल के भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. जून 2020 में यह तनाव हिंसक झड़प में तब तब्दील हुआ जब इस झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस हिंसक झड़प के दौरान चीन के 38 सैनिक नदी में बह गए थे, जबकि चीन ने सिर्फ़ चार सैनिकों की मौत की बात कही. इस झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. इसके अलावा दोनों देशों के सैनिक करीब ढाई महीने तक डोकलाम में आमने सामने तने रहे.
गलवान घाटी में विरोध के बाद चीन के कई APP और मोबाइल बैन
29 जून 2020 को, भारत सरकार ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के हिंसा में बदल जाने के बाद, 58 अन्य चीनी ऐप्स के साथ Tiktok पर भी बैन लगा दिया. इतना ही नहीं इसके बाद 27 जुलाई 2020 को 47, 2 दिसंबर 2020 को 118 और नवंबर 2020 को 43 ऐप्स पर बैन लगाए गए. और 14 फरवरी 2022 को 54 ऐप्स पर बैन लगाया गया. इसके अलावा चीन पर टैक्स चोरी और मनी laundaring के आरोप भी लगाये गए. बताया गया वित्तीय वर्ष 2019-20 में चीनी फोन कंपनियों ने 9,075 करोड़ रुपये टैक्स की चोरी की है. जिसके बाद भारत में कई चीनी मोबाइल फ़ोन को बैन करने का फैसला लिया गया. हालाकि ये नहीं हो सका. उद्योग विशेषज्ञों ने बताया कि, चीन के साथ इस टकराव के बावजूद, यह संभावना नहीं है कि, उन्हें भारत से बाहर कर दिया जाएगा क्योंकि अगर चीनी स्मार्टफोन निर्माता चले गए, तो भारतीय निर्माताओं के पास उनकी जगह लेने की क्षमता नहीं है.
भारत चीन से सबसे ज्यादा कौन-सा सामान खरीदता है
भारत चीन से सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक के सामान खरीदता है. इलेक्ट्रॉनिक सामान के बाद न्यूक्लियर रिएक्टर्स, बॉयलर, ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक का सामान, फर्टिलाइजर, वाहनों से जुड़ा सामान, केमिकल प्रोडक्ट्स, आयरन एंड स्टील, आयरन एंड स्टील का सामान और एलुमिनियम शामिल है.
चीन भारत से क्या लेता है
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार, चीन को भारत के निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में चीन को भारत का निर्यात 21.2 बिलियन डॉलर का रहा, जो वर्ष 2019-20 में 16.7 बिलियन डॉलर का रहा था. भारत द्वारा चीन को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में कार्बनिक रसायन, सूती धागे, तांबा और अयस्क शामिल हैं. हालाकि, चीन को भारत का निर्यात अभी भी चीन से इसके आयात की तुलना में कम है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े व्यापार घाटे की स्थिति बनती है.
पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो.