इलेक्टोरल बॉन्ड अवैध घोषित होने के बावजूद पिछले कुछ महीनों में खूब चर्चा में रहा. इसके जरिए पॉलिटिकल पार्टियों को चंदा मिला लेकिन चंदा देने वाले की पहचान गुप्त रखी गई. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ती जताते हुए एसबीआई को जमकर फटकार लगाई और इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी को सार्वजनिक करने का आदेश देते हुए इस बॉन्ड को अवैध घोषित कर दिया.
इलेक्टोरल बॉन्ड के रद्द हो जाने से राजनीतिक फंडिंग का एक बड़ा रास्ता बंद हो गया था. जिसने सभी की चिंताओं को बढ़ा दिया. सरकार ने इन चिंताओं को कम करने के लिए मंथन शुरू कर दिया है और जल्द ही पॉलिटिकल चंदे को लेकर सरकार नई स्कीम ला सकती है. दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वित्त मंत्रालय में इस नई स्कीम को लेकर दो बैठक हो चुकी हैं. मीटिंग का सबसे बड़ा मुद्दा रहा कि आखिर पॉलिटिकल चंदे को लेकर वो तरीका क्या हो सकता है जो संवैधानिक भी हो और जिसपर सुप्रीम कोर्ट को भी कोई आपत्ती न हो.
इलेक्टोरल बॉन्ड की नई स्कीम लाने के लिए एक ऐसी कमेटी बनाई जाएगी जिसमें विधि आयोग और कानून विशेषज्ञ शामिल रहेंगे. इसे लेकर चुनाव आयोग के साथ भी विचार- विमर्श किया जाएगा. इसे बनाते वक्त उन सभी पहलुओम को ध्यान में रखा जाएगा जिनपर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए थे. इलेक्टोरल बॉन्ड की ये नई योजना लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पेश की जा सकती है.
हालांकि इस बीच पीएम मोदी ने साउथ के एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के रद्द होने पर नाचने वालों को जल्द ही पछतावा होगा. तमिल चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम ने ये भी कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की वजह से ही पता चल रहा है कि किसने, कब, किसको, कितना चंदा दिया.
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