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IPL में धूम मचाने वाले ईश्वर पांडे खोलेंगे क्रिकेट एकेडमी, विंध्य के बच्चों को अब यहीं मिलेगी ट्रेनिंग

ईश्वर पांडे का चयन टीम इंडिया के लिए 3 बार किया गया. जब इंडियन टीम में खेलने के लिए ईश्वर का चयन हुआ था उस समय वह विंध्य के पहले खिलाड़ी थे. मूल रूप से रीवा के रहने वाले ईश्वर पांडे ने IPL और घरेलू क्रिकेट में खूब धूम मचाई है. ईश्वर पांडे के संघर्ष, मेहनत और सफलता की यह कहानी विंध्य क्षेत्र के हर क्रिकेट प्रेमी और युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है.

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जन्मे और पले-बढ़े ईश्वर पांडे ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत रीवा क्रिकेट अकादमी से की थी बाद में चेन्नई की एमआरएफ पेस अकादमी से उन्होंने अपनी गेंदबाजी कौशल को और निखारा. एक सैनिक के घर में जन्म लेने वाले ईश्वर पांडे ने कड़ी मेहनत और लगन से भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई.

दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ लिए 7 विकेट
नवंबर 2010 में पहली बार उनको मध्य प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का मौका मिला. ईश्वर ने तीन मैच में 9 विकेट झटके. अगस्त 2013 में इंडिया-ए के लिए खेलते हुए मेजबान दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ दोनों पारियों में ईश्वर ने 7 विकेट लिए और सबको प्रभावित किया.

2015 में शुरू हुआ आईपीएल का सफर
ईश्वर पांडे का आईपीएल में करियर साल 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ शुरू हुआ. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उन्होंने खूब धूम मचाई. ईश्वर के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 75 फर्स्ट क्लास मैच में 263 विकेट लिए हैं. ईश्वर पांडे ने साल 2022 में अचानक से संन्यास लेने का फैसला किया. ईश्वर ने अंतर्राष्ट्रीय व फर्स्ट क्लास क्रिकेट से 33 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था.

बैटिंग से बॉलिंग तक का सफर
ईश्वर पांडे ने अपने क्रिकेट की शुरुआत बैटिंग से की, लेकिन बाद में अपने कोच एरील एंथोनी के कहने पर बॉलिंग करना स्टार्ट किया. ईश्वर पांडे ने कक्षा 12वीं के बाद रीवा के स्टेडियम में प्रैक्टिस करना शुरू की और बतौर बॉलर इंडियन टीम में तीन बार चुने गए. हालांकि किसी भी बार उनको मैच खेलने का मौका नहीं मिला. वर्तमान में ईश्वर पांडे मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों को बॉलिंग कोच के रूप में सिखा रहे हैं.

क्रिकेट एकेडमी शुरू कर सकते हैं ईश्वर पांडे
ईश्वर पांडे जल्दी ही एक क्रिकेट एकेडमी शुरू कर सकते हैं. दरअसल, छोटे शहरों के खिलाड़ियों को कई बार कम सुविधाएं मिलती है. इसी क्रम में वो एकेडमी खोलने का प्लान कर रहे है. वह भविष्य के नए बच्चों को फास्ट बॉलिंग सिखाना चाहते हैं. ईश्वर का मानना है कि नए बच्चों को पूरे फोकस के साथ क्रिकेट की प्रैक्टिस करनी होगी तभी वो क्रिकेट में सफलता प्राप्त कर सकते है.