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विंध्य के इन नन्हे तबला वादकों ने लगातार 12 मिनट तबला बजाकर दर्ज किया रिकॉर्ड

विंध्य के नन्हे तबला वादक

विंध्य हमेशा से संगीत के क्षेत्र में अग्रणी रहा है. यहां ऐसे कई संगीतकार जन्मे जिनका नाम पूरी दुनिया में उजागर है. इनमें महान संगीतज्ञ तानसेन जी हैं जिन्होंने पूरे भारतवर्ष को अपने सुरों से सजाया है. पिछले साल यानी 25 दिसंबर को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आयोजित 99 वां तानसेन महोत्सव आयोजित हुआ. जिसमें 1600 तबला वादकों ने एक साथ तबला बजाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया. जिनमें विंध्य क्षेत्र के तीन नंहे बच्चों ने भी 12 मिनट तक लगातार वंदे मातरम् की धुन पर बजाकर यह कीर्तिमान हासिल किया. विंध्य फर्स्ट की टीम ने इनके पैरेंट्स से बात की जहां उन्होंने बच्चों से जुड़ी कई बातें बताई. उनके रियाज़ के समय से लेकर उनके कैरियर तक की बातें बताई.

सवाल:  संगीत में इन बच्चों का रुझान कैसे आया खुद से या किसी ने गाइड किया ?

जवाब: संगीत में शौर्य का रुझान अपने मामा को देखकर आया. शौर्य के मामा तबला वादन किया करते थे तो शौर्य उनको देखकर अकेले में तबला बजाने की कोशिश किया करते थे. इस प्रकार मुझे लगा कि इनका संगीत में इंटरेस्ट है तब हमने इनको रीवा के सौरभ पांडे सर से संगीत क्लासेस दिलवाने लगे. अब तो तबला वादन और संगीत की ओर इनका रुकाव बढ़ रहा है.

सवाल: ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासेस लेने में क्या फर्क है ?

जबाव: ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम बेस्ट हैं. लेकिन ऑफलाइन अधिक बेहतर होता है क्योंकी ऑनलाइन में संगीत की तमाम विधाओं को उतना नहीं सीख सकता है. जबकि ऑफलाइन में अधिक बारिकी से सीख जाता है. इस प्रकार ऑफलाइन से ऑनलाइन से बेस्ट है.

सवाल:  इन बच्चों का कैसा रहा ग्वालियर का सफऱ?

जवाब: ग्वालियर का सफर इन बच्चों का काफी अच्छा है. इनके इस उपलब्धि से समूचा विंध्य क्षेत्र गौरवांवित हो रहा है. साथ ही तानसेन महोत्सव में इन बच्चों ने बहुत कुछ सीखा है.

 

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देखिए इस वीडियो में इन बच्चों की से जुड़ी सभी जानकारी ||