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बिहार चुनाव 2025: क्यों कटेंगे वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम?

बिहार चुनाव 2025: क्यों कटेंगे वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम?

बिहार चुनाव 2025: क्यों कटेंगे वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम?

बिहार चुनाव 2025: बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन करने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है. चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य के कुल 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं में से 6 करोड़ 60 लाख 67 हजार 208 लोगों ने अपना फॉर्म जमा कर दिया है. यह कुल मतदाताओं का 88.18% है, जबकि अभी 11.82% मतदाताओं ने फॉर्म भरना बाकी रखा है.

किन मतदाताओं के नाम हटेंगे?

चुनाव आयोग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में निम्नलिखित मामले सामने आए हैं:

  1. मृत मतदाता: 1.59% (10 लाख 50 हजार 468) मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है.
  2. स्थायी रूप से बाहर गए मतदाता: 2.2% (14 लाख 53 हजार 478) लोग BLO को नहीं मिले, जो संभवतः बिहार से स्थायी रूप से दूसरे राज्य या देश चले गए हैं.
  3. डुप्लीकेट एंट्री: 0.73% (4 लाख 82 हजार 290) मतदाताओं के नाम दो जगह दर्ज पाए गए.

इन तीनों श्रेणियों को मिलाकर कुल 29 लाख 86 हजार 237 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे.

भागलपुर में 2 लाख वोटर्स के नाम कटेंगे

भागलपुर जिले में विधानसभा स्तर पर वोटर लिस्ट की समीक्षा की गई है, जिले में:

  • 31,985 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है.
  • 47,980 मतदाता स्थायी रूप से बाहर चले गए हैं.
  • 29,558 मतदाताओं के नाम डुप्लीकेट पाए गए.
  • 89,711 मतदाताओं का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला.

कुल मिलाकर, भागलपुर से लगभग 2 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाएंगे.

बिहार चुनाव 2025: क्यों कटेंगे वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम?
बिहार चुनाव 2025: क्यों कटेंगे वोटर लिस्ट से 30 लाख नाम?

25 जुलाई तक फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि

चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे 25 जुलाई 2025 तक अपने फॉर्म जमा कर दें. इसके बाद 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी. आयोग ने ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी दी है, जिसके तहत अब तक 5.74 करोड़ फॉर्म ऑनलाइन अपलोड किए जा चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी, विपक्ष ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी है और इसे संवैधानिक जिम्मेदारी बताया है. हालांकि, कुछ न्यायाधीशों ने इसकी समयसीमा पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को मान्य दस्तावेज माने.

विपक्षी दलों, विशेषकर RJD और कांग्रेस, ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह “महाराष्ट्र मॉडल” की तरह बिहार में वोटर सुप्प्रेशन की कोशिश है.

बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण एक बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है. चुनाव आयोग का लक्ष्य एक सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार करना है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक हथकंडा बता रहा है. अगले कुछ दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सभी पात्र मतदाताओं को सूची में शामिल किया जाता है या नहीं.

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