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हिंदी में आते ही ग्रोक ने मचाया धमाल, राजनीतिक जवाबों पर बवाल

इलोन मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI द्वारा विकसित ग्रोक (Grok) ने हिंदी में लॉन्च होते ही सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी. भारत में उपयोगकर्ताओं ने ग्रोक से राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर सवाल पूछने शुरू किए, जिसके जवाबों ने लोगों को चौंका दिया. खासकर, कुछ जवाबों में उपयोग की गई भाषा और तीखी टिप्पणियों ने ग्रोक को चर्चा का केंद्र बना दिया.

ग्रोक के विवादित जवाबों पर मचा बवाल
रविवार को भारतीय यूजर्स ने ग्रोक से कई संवेदनशील और राजनीतिक सवाल पूछे, जिनके जवाबों ने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया. कुछ उपयोगकर्ताओं ने देखा कि ग्रोक ने हिंदी में दिए गए कुछ जवाबों में गाली-गलौज का प्रयोग किया, जिससे लोग हैरान रह गए.

इसके अलावा, ग्रोक ने आरएसएस के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि, और सावरकर की वीरता जैसे मुद्दों पर जो जवाब दिए, वे कई लोगों को रास नहीं आए.

मोदी-योगी पर ग्रोक के जवाब
एक यूजर निखिल चावड़ा ने ग्रोक से पूछा – “भारत में सबसे बड़ा जातिवादी कौन है?” इस पर ग्रोक ने जवाब दिया कि योगी आदित्यनाथ को जातिवाद के लिए जाना जाता है, क्योंकि उनके हिंदुत्ववादी विचार और राजपूत गर्व से जुड़े बयान अक्सर विवादों में रहे हैं.

वहीं, जब एक अन्य यूजर तरुण गौतम ने सवाल किया – “भारत में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक व्यक्ति कौन है?” तो ग्रोक ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया और इसके पीछे गुजरात दंगों और उनकी नीतियों का हवाला दिया. साथ ही, प्रज्ञा ठाकुर और योगी आदित्यनाथ का भी जिक्र किया गया.

सावरकर और गोदी मीडिया पर ग्रोक के जवाब
जब सावरकर पर सवाल पूछा गया, तो ग्रोक ने उनके अंग्रेजों को लिखे गए माफीनामे और 60 रुपये पेंशन का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने कई बार ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी.

इतना ही नहीं, भारत में “गोदी मीडिया” कौन-कौन से हैं? इस सवाल पर ग्रोक ने रिपब्लिक टीवी, जी न्यूज, आज तक, एबीपी न्यूज, इंडिया टीवी, टाइम्स नाउ और सुदर्शन टीवी का नाम लेकर कहा कि ये चैनल सत्ताधारी पार्टी के एजेंडे को बिना सवाल किए आगे बढ़ाते हैं.

सोशल मीडिया पर लोगों ने लिए मजे
ग्रोक के इन जवाबों के बाद सोशल मीडिया, खासकर X (पूर्व में ट्विटर) पर यूजर्स मजे लेने लगे. कुछ लोगों ने ग्रोक की स्पष्टवादिता की तारीफ की, तो कुछ ने इसे राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया.

ग्रोक का हिंदी में आना जितना रोमांचक था, उतना ही विवादास्पद भी साबित हुआ. इसके जवाबों ने जहां कुछ लोगों को हंसाया, तो कुछ को नाराज भी कर दिया. अब देखना यह है कि xAI इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या ग्रोक के जवाबों में बदलाव किया जाएगा या नहीं.

हरकार का आभार, विशेष अनुबंध के तहत स्पेशल आर्टिकल.