आपने अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि अगर इंजीनियरिंग करनी है तो IIT जैसे संस्थानों से करो. यहां से पढ़-लिखकर हर कोई काबिल बनता है. बढ़िया पैकेज वाली अच्छी नैकरी मिलती जिसके बाद जिंदगी आसान हो जाती है. पैकेज हर साल बढ़ता जाता है और जॉब सेक्योरिटी को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं होती है. लेकिन अब ऐसा नहीं है.
अब IIT ग्रेजुएट्स को भी नौकरी मिलने में दिक्कत हो रही है और जिन्हे कॉलेज प्लेसमेंट से जॉब मिल रही है उन्हे 10 लाख से भी कम का सालाना पैकेज ऑफर किया जा रहा है. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जनवरी महीने में शुरू हुए प्लेसमेंट में करीबन 30 से 35 फ़ीसदी स्टूडेंट्स को अभी भी प्लेसमेंट मिलना बाकी है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि किसी एक कॉलेज से तकरीबन 6-7 छात्रों को प्लेसमेंट ऑफर करने वाली कंपनियां अब केवल 2 से 3 स्टूडेंट्स को ही जॉब ऑफर कर रही हैं.
कॉलेज प्लेसमेंट कम होने की वजह से ज्यादा परेशानी ऐसे स्टूडेंट्स के लिए बढ़ गई है जिनके ग्रेड पॉइंट्स कम हैं. ऐसे स्टूडेंट का अगर प्लेसमेंट हो भी रहा है तो पैकेज 10 लाख से कम का ही मिल रहा है. ऐसे में प्लेसमेंट मिलने के बाद भी बच्चे नोकरी की तलाश कर रहे हैं. मार्केट में कम सैलरी दिए जाने की वजह से अब IIT ग्रेजुएट्स भी सालाना 6 लाख रुपए के सैलरी पैकेज को लेने के लिए तैयार हैं
नियुक्तियां घटने की बड़ी वजह AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती डिमांड है. कंपनियां AI और मशीन लर्निंग जैसी कौशल की तलाश कर रही हैं, लेकिन सभी स्टूडेंट्स में ये स्किल्स हो ऐसा संभव नहीं है.
कोचिंग क्लासेस से लेकर स्टार्ट-अप्स जैसी कंपनियों ने ग्रेजुएट्स को प्लेसमेंट के दूसरे चरण में 60,000 रुपए से 80,000 रुपए तक का सालाना सैलरी पैकेज ऑफर कर रही हैं. रिपोर्ट में IIT खड़गपुर के स्टूडेंट ने बताया स्पेक्ट्रम टेक्नोलॉजी ने ट्रेनी इंजीनियर्स को 3.6 लाख रुपए वहीँ ट्रेनी डिजाइन इंजीनियर्स को 6 लाख रुपए तक सालाना सैलरी ऑफर की है.
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