देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेशर हायरिंग के हालात आज भी चिंता की वजह बना हुआ है. financial year 2024 का आंकड़ा देखा जाए तो फ्रेशर्स की भर्ती पिछले दो दशकों से यानि 20 सालों में सबसे कम हुई है. HR Firm Xpheno की रिसर्च में पाया गया कि पहले हर साल औसतन 1,50,000 से 2,00,000 फ्रेशर्स की हायरिंग होती थी, लेकिन अब ये घटकर 60,000 से 70,000 पर आ गई है.
HR Analist और Collage Placement Officer के मुताबिक़ 5 IT कंपनियों की ओर से होने वाली Fresher hiring इस financial year में भी सबसे कम रही है. केवल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS ने ही ये कहा है कि वो कैंपस से करीबन 40,000 फ्रेशर्स की भर्ती करेगी.
टीमलीज एडटेक के फाउंडर और CEO शांतनु रूज ने कहा कि, एक मसला ये है कि, स्टूडेंट्स सिर्फ आईटी सर्विस इंडस्ट्री को जॉइन करना चाहते हैं. उन्होंने उनका कहना है ‘टॉप 5 IT दिग्गज कंपनियां भर्ती नहीं कर रही हैं, लेकिन ज्यादातर फ्रेशर्स अपने करियर की शुरुआत टॉप 5 आईटी कंपनियों के साथ ही करना चाहते हैं. आज के हालातों को देखकर ये भी एक चुनौती है’
इंजीनियरिंग कॉलेजेस को पिछले कुछ तिमाहियों से टॉप IT कंपनियों के कैंपस प्लेसमेंट में न आने की वजह से Students को प्लेस करने में काफी चलेंजेस का सामना करना पड़ रहा है.
AMT University के Placement सेल के डिप्टी डायरेक्टर अंजनी भटनागर का कहना है कि, ‘हर साल इस समय तक, हमें कंपनियों से अगले साल के बैच के लिए उनके हायरिंग टारगेट की Clarification मिल जाती थी. इस साल के लिहाज से समझें तो 2025 में पास होने वाले Students की हायरिंग के लिए clarification. कंपनियां अगस्त महीने तक प्लेसमेंट के लिए कैंपस आती थीं. लेकिन पिछले साल की तरह, इस साल भी ऐसा नहीं हो रहा है.
उन्होंने ये भी कहा कि, बड़ी IT कंपनियां मार्च और अप्रैल महीने में अपने कैलेंडर की योजना बनाती हैं और जुलाई, अगस्त महीने में कॉलेजों में ट्रायल करने के लिए आती हैं ताकि अगले साल ग्रेजुएट होने वाले स्टूडेंट्स की भर्ती की जा सके, लेकिन इस साल उनका अभी तक कोई पता ही नहीं है.
‘करीबन 70% स्टूडेंट IT सर्विस में नौकरियों को टारगेट करते हैं. ज्यादा संख्या में भर्ती न होने की वजह से अब ये Studentsडेंट्स के लिए चिंता का विषय है.’
कालेजों के मुताबिक, भले ही बड़ी IT कंपनियां धीरे-धीरे करके कैंपस हायरिंग फिर से शुरू कर रही हों, लेकिन इनकी संख्या में काफी कमी आई है. इसके अलावा कई कंपनियों ने अभी तक 2023 बैच के Students को नौकरी पर नहीं बुलाया है.
बेंगलूरु की प्राइवेट एलायंस यूनिवर्सिटी के प्लेसमेंट सेल के एसोसिएट डायरेक्टर वडिवेलन गोपाल ने कहा साल 2022 और 23 में अधिक भर्तियां की गई थीं, अब भर्ती हुए स्टूडेंट्स को अपस्किलिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद वर्कफोर्स के तौर पर एंटिग्रेट किया जा रहा है. इसी वजह से, इस साल की ऑन-कैंपस हायरिंग के आंकड़े पिछले साल के मुकाबले 70 से 80% कम है.
नासेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉईज सीनेट के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा के मुताबिक़ पिछले दो सालों में 10,000 से अधिक फ्रेशर्स अभी भी नौकरी पर बुलाए जाने का इंतजार कर रहे हैं. NITES ने श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री को एक लेटर में IT कंपनी इंफोसिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसे करीबन 2,000 उम्मीदवारों को ऑनबोर्ड करना है.
सभी टॉप IT कंपनियों ने कहा जिन लोगों को ऑफर लेटर दिया गया वे उन्हें नौकरियां देंगी, लेकिन देरी लगातार जारी है और इस वजह से स्टूडेंट्स में चिंता भी बढ़ रही है.
वहीं जानकारों का मानना है कि, financial year 2025 में मांग बढ़ने की उम्मीद है. ये अनुमान इस बेस पर हैं कि, बड़ी IT सर्विस फर्मों ने financial year 2024 के दौरान सालाना आय बेहतर दर्ज की है.
Xpheno के पार्टनर एंड टैलेंट स्पेशलिस्ट सतीश मन्ने ने कहा कि, कुछ हद तक शुरुआती संकेत, जो मेन IT कंपनियों द्वारा सालाना आय में व्यक्त पॉजिटिविटी पर बेस्ड हैं. Encouraging हैं और फ्रेशर्स के लिए potential तौर पर बेहतर साल की ओर इशारा करते हैं. हालांकि ज़मीनी स्तर पर अभी हायरिंग तेज नहीं हुई है और सभी ख़ास एंप्लॉयर अभी कोई भी जानकारी नहीं दे रहे हैं.
हालांकि IT सेक्टर से कम हायरिंग, स्टार्टअप्स की बढ़ती हायरिंग से ballenced होती दिख रही है. Example के तौर पर एलायंस यूनिवर्सिटी में स्टार्टअप्स से हायरिंग संख्या में 20 फीसदी का इजाफा देखने को मिला.
दिल्ली के एक और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में भी ऐसा ही रुझान देखने को मिला जहां प्लेसमेंट के लिए कॉलेजों में आने वाले स्टार्टअप्स की संख्या में FY-24 में सालाना आधार पर 40 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी हुई है, जिसमें सालाना एवरेज पैकेज 6-12 लाख रुपये के बीच था.
टैलेंट सॉल्यूशंस कंपनी, NLB सर्विसेज के CEO, सचिन आलुग ने कहा- ऐसी स्थिति में जहां बड़ी आईटी सर्विस कंपनियां पूरी तरह से कैंपस पर वापस नहीं आई हैं, स्टार्टअप्स ने अपनी हायरिंग संख्या में काफी वृद्धि की है. स्टार्टअप हायरिंग की बात करें तो, 50 फीसदी से अधिक स्टार्टअप्स अलग-अलग कामों के लिए फ्रेशर्स को हायर कर रहे हैं.
Teamlease के आकड़े के मुताबिक स्टार्टअप सेक्टर में 2023 के मुकाबले स्टार्टअप्स की संख्या में करीबन 37 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है. जिसके रिजल्ट से वे इयर बेस पर टोटल रोजगार में 14 से 15 फीसदी की वृद्धि हुई.
स्टार्टअप्स ने सामूहिक तौर से अब तक करीबन 6.3 लाख फ्रेशर्स की भर्ती की है. हालांकि, analysts का तर्क है कि, स्टार्टअप्स और किसी दूसरे क्षेत्र के लिए फ्रेशर्स की बड़े पैमाने पर भर्ती करने का भारी बोझ उठाना एक टफ काम है जो IT कंपनियां करती हैं. एंट्री लेवल की हर 10,000 हायरिंग पर 400 से 450 करोड़ रुपये सालाना वेतन लागत का भार उठाना पड़ता है और मौजूदा बाजार हालातों में एक बहुत बड़ा Enterprise है. इसके अलावा एंप्लॉयीज को रेवेन्यू जनरेट करने लायक बनाने के लिए टैलेंट तैयार करना और दूसरे ओवरहेड लागत और समय जोड़ें तो पता चलेगा कि कैंपस हायरिंग कमजोर फर्मों के लिए क्यों नहीं है.