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मैहर जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: नर्सरी से क्लास 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल टाइमिंग में बदलाव

मैहर जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: नर्सरी से क्लास 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल टाइमिंग में बदलाव

मैहर जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: नर्सरी से क्लास 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल टाइमिंग में बदलाव

मैहर जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: मध्य प्रदेश के मैहर जिले में जिला प्रशासन ने एक बड़ा और सराहनीय फैसला लिया है. अब नर्सरी से लेकर क्लास 8 तक के सभी बच्चों को अलसुबह ठंड और कोहरे में स्कूल नहीं जाना पड़ेगा. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य छोटे बच्चों की सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

मैहर जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: नर्सरी से क्लास 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल टाइमिंग में बदलाव
मैहर जिला प्रशासन का बड़ा फैसला: नर्सरी से क्लास 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल टाइमिंग में बदलाव

क्या है नया नियम?

जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार.

  • नर्सरी से कक्षा 8वीं तक के सभी स्कूलों का समय बदल दिया गया है.

  • इन कक्षाओं के लिए स्कूल का समय सुबह 10:00 बजे से शुरू होगा.

  • इस व्यवस्था को तुरंत लागू कर दिया गया है.

फैसले के पीछे की वजह

यह फैसला कई महत्वपूर्ण कारणों से लिया गया है.

  • बच्चों की सेहत: सर्दियों के मौसम में सुबह-सवेरे की कड़ाके की ठंड और कोहरा छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे सर्दी, जुकाम, खांसी और दमा जैसी समस्याएं होने का खतरा रहता है.

  • सुरक्षा चिंताएं: कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता कम होती है. इससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. देर से स्कूल शुरू होने से बच्चों की यात्रा सुरक्षित होगी.

  • पढ़ाई पर ध्यान: ठंड में ठिठुरकर स्कूल पहुंचने वाले बच्चे पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई नहीं कर पाते. पर्याप्त नींद और सही समय पर स्कूल पहुंचने से उनकी पढ़ाई में भी सुधार होगा.

अभिभावकों और शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया

इस फैसले का अभिभावकों और शिक्षाविदों द्वारा स्वागत किया जा रहा है. ज्यादातर माता-पिता इस बदलाव से खुश हैं. उनका कहना है कि इससे न सिर्फ उनके बच्चे सुरक्षित रहेंगे बल्कि वे खुद भी बिना जल्दबाजी के बच्चों को तैयार कर सकेंगे. शिक्षकों का भी मानना है कि यह बच्चों के हित में एक सही कदम है.

निष्कर्ष

मैहर जिला प्रशासन का यह फैसला एक उदाहरण पेश करता है कि स्थानीय स्तर पर बच्चों के कल्याण के लिए ठोस कदम कैसे उठाए जा सकते हैं. यह फैसला न सिर्फ बच्चों की सेहत और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह दूसरे जिलों के लिए भी एक मिसाल कायम करता है. ऐसी उम्मीद की जाती है कि अन्य जिले भी इसी तरह बच्चों के हित में कदम उठाएंगे.

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