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Toggleमऊगंज किसान रैली: गरजा किसानों का हुंकार — 18 सूत्रीय मांगों के साथ प्रशासन को चेतावनी
मऊगंज किसान रैली: सोमवार को मऊगंज शहर किसानों के नारों से गूंज उठा. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, जिला इकाई मऊगंज के बैनर तले सैकड़ों किसान और मजदूर एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए. हाथों में झंडे, तख्तियां और बैनर लिए इन किसानों ने प्रशासन और शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण लेकिन जोरदार रैली निकाली.
रैली मऊगंज शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची, जहाँ महासंघ के पदाधिकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति और महामहिम राज्यपाल के नाम 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा.
किसानों की रैली में गूंजे नारे
किसानों ने “हमारा हक, हमारी जमीन”, “कर्ज माफ करो, फसल बचाओ” जैसे नारे लगाते हुए सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाई. रैली में युवाओं से लेकर बुजुर्ग किसान तक शामिल रहे.
महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी मांगें वर्षों से लंबित हैं. शासन-प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है.

18 सूत्रीय मांगों में क्या-क्या शामिल
किसानों ने अपने ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण बिंदु उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं —
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फसलों का लागत मूल्य पर 50% लाभ सहित समर्थन मूल्य तय किया जाए
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किसान कर्ज माफी योजना को फिर से लागू किया जाए.
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बिजली बिल माफ और सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाए.
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कृषि उपकरण और बीज पर सब्सिडी बढ़ाई जाए.
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खरीफ और रबी फसलों के भुगतान में पारदर्शिता लाई जाए.
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किसानों के खिलाफ झूठे प्रकरण वापस लिए जाएं.
इनके अलावा किसानों ने कई अन्य जनहित से जुड़ी मांगें भी रखीं.

महासंघ का बयान — “हमारी लड़ाई हक की है”
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिलाध्यक्ष ने कहा —
“हमारी लड़ाई किसी सरकार से नहीं, बल्कि अपने हक और अधिकारों के लिए है. जब तक हमारी सभी 18 मांगें पूरी नहीं होतीं, हम सड़कों पर डटे रहेंगे. अगर सरकार ने अनदेखी की, तो आंदोलन और उग्र होगा.”
उन्होंने आगे कहा कि किसान अब सिर्फ वादों से नहीं, व्यवहारिक समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.
किसानों की चेतावनी — मांगे नहीं मानी गईं तो अनिश्चितकालीन धरना
रैली के अंत में महासंघ के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी —
अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो किसान अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपते समय किसानों ने शांतिपूर्वक अपनी बात रखी, लेकिन लहजा दृढ़ था.
निष्कर्ष (Conclusion)
मऊगंज की यह किसान रैली स्पष्ट संदेश देती है कि किसानों का सब्र अब टूट चुका है.
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में किसानों ने जो 18 सूत्रीय मांगें रखी हैं, वे उनके जीवन और कृषि व्यवस्था दोनों से जुड़ी हैं.
अब देखना यह है कि शासन इन मांगों पर कितना गंभीर कदम उठाता है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: मऊगंज किसान रैली का आयोजन किस संगठन ने किया?
उत्तर: यह रैली राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, जिला इकाई मऊगंज द्वारा आयोजित की गई थी.
प्रश्न 2: किसानों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
उत्तर: फसल का उचित समर्थन मूल्य, कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई बिजली, और झूठे प्रकरणों की वापसी प्रमुख मांगें हैं.
प्रश्न 3: अगर मांगें नहीं मानी गईं तो क्या होगा?
उत्तर: किसानों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने पर वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.