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MP Board Topper: मैहर की होनहार छात्रा प्रियल द्विवेदी ने मध्य प्रदेश में टॉप कर जिले का नाम किया रोशन

MP Board Topper: मैहर की होनहार छात्रा प्रियल द्विवेदी ने मध्य प्रदेश में टॉप कर जिले का नाम किया रोशन

MP Board Topper: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) द्वारा मंगलवार, 6 मई 2025 को एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे जारी कर दिए गए हैं. इस बार के बोर्ड परीक्षा के नतीजे में दोनों ही टॉपर विंध्य क्षेत्र से हैं. एमपी 10वीं बोर्ड में प्रज्ञा जायसवाल (Pragya Jaisawal) 500 में से 500 अंक लाकर प्रदेशभर की टॉपर रहीं. वहीं 12वीं बोर्ड परिणाम में मैहर जिले के अमरपाटन तहसील की प्रियल द्विवेदी पहला स्थान हासिल की है.

इस बार 12वीं बोर्ड का पास प्रतिशत 74.48 रहा, जबकि 10वीं का रिजल्ट 76.22 प्रतिशत है. मध्य प्रदेश बोर्ड 12वीं परीक्षा 2025 का रिजल्ट घोषित होते ही पूरा अमरपाटन जश्न के माहौल में डूबा रहा. क्योंकि प्रियल द्विवेदी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली छात्रा हैं उन्होंने सीमित संसाधनों में पढ़ाई कि और 500 में से 492 अंक हासिल कर न सिर्फ टॉप किया, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया.

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सरकारी स्कूल से प्रदेश की टॉपर तक का सफर

प्रियल द्विवेदी शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अमरपाटन की छात्रा हैं. जहां सुविधाएं सीमित थीं, वहीं प्रियल की मेहनत और लगन ने उन्हें प्रदेश में प्रथम स्थान दिलाया है. उनका यह कारनामा साबित करता है कि संसाधनों की कमी कभी भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती.

परिवार से मिली प्रेरणा और समर्थन

प्रियल के पिता स्वयं शिक्षक हैं, और शिक्षा का महत्व उनके घर में हमेशा प्राथमिकता रहा है. उनके दो भाई और एक बहन भी शिक्षा के मार्ग पर अग्रसर हैं. बड़े भाई भोपाल में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि बाकी भाई-बहन उसी स्कूल में पढ़ते हैं जहां से प्रियल ने टॉप किया.

बधाइयों का लगा तांता, मंदिर में लिया आशीर्वाद

रिजल्ट आने के बाद प्रियल के घर बधाई देने वालों का तांता लग गया. ढोल-नगाड़ों के साथ लोगों ने उनका स्वागत किया. खुद प्रियल ने माता-पिता के साथ मंदिर जाकर भगवान का आशीर्वाद लिया और इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और कठिन परिश्रम को दिया.

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सफलता का मूलमंत्र: मेहनत, आत्मविश्वास और अनुशासन

प्रियल का मानना है कि कठिन मेहनत, आत्मविश्वास और अनुशासन ही सफलता की असली कुंजी हैं. उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पूरी लगन से पढ़ाई की, खासतौर पर गणित और विज्ञान पर अधिक समय दिया. यही समर्पण उन्हें प्रदेश का टॉपर बना गया.

एक प्रेरणा बनीं लाखों छात्रों के लिए

प्रदेश में इस बार 7 लाख 6 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 74.48% उत्तीर्ण हुए। लेकिन प्रियल की सफलता संख्याओं से कहीं आगे की बात है. यह उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखते हैं.