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मध्यप्रदेश में नर्मदा एक्सप्रेस-वे और विकास की नई राह, जुड़ेंगे ये ज़िले

मध्यप्रदेश में अब एक नया एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है, जो प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क के रूप में स्थापित होगा. यह एक्सप्रेस-वे करीबन 1200 किमी लंबा होगा और यह 11 जिलों से होकर गुजरता हुआ बनेगा. इस परियोजना के निर्माण पर लगभग 31 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस एक्सप्रेस-वे का नाम नर्मदा एक्सप्रेस-वे रखा गया है. यह एक्सप्रेस-वे यमुना एक्सप्रेस-वे से लगभग 4 गुना बड़ा होगा. नर्मदा एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लगभग 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और 11 जिलों की सड़कें जोड़ने का कार्य किया जाएगा, जिससे इन जिलों के विकास को विशेष लाभ मिलेगा.

मालवा निमाड़ क्षेत्र में विकास पथ: एक और एक्सप्रेस-वे
मालवा निमाड़ क्षेत्र के विकास के लिए 450 किमी लंबा एक और एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है, जो मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, धार, अलीराजपुर और बुरहानपुर को जोड़ने का काम करेगा. इसे मालवा निमाड़ क्षेत्र का विकास पथ कहा जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे का महत्व 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर बढ़ जाएगा. इस परियोजना पर लगभग 7972 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. यह एक्सप्रेस-वे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इन क्षेत्रों के लोगों के लिए सुविधा और व्यापार के नए रास्ते खोलने का काम करेगा.

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आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे: एक नया कनेक्शन
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी शुरू किया गया है, जिससे इन दोनों राज्यों के बीच सड़क मार्ग को मजबूत किया जा सके. इस एक्सप्रेस-वे की लागत लगभग 2500 करोड़ रुपए होगी और यह 88 किमी लंबा होगा. यह ग्वालियर के निरवाली तिराहा से शुरू होकर यूपी के आगरा तक पहुंचेगा, जिसमें ग्वालियर, झांसी, शिवपुरी, भिंड, मुरैना और दतिया जैसे शहर शामिल होंगे. इस एक्सप्रेस-वे से ग्वालियर और आगरा के बीच यात्रा की समयावधि तीन घंटे से घटकर केवल दो घंटे रह जाएगी.

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रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम: हवाई सेवाओं का विस्तार
इसके अलावा, मध्यप्रदेश के रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत मंडला, उज्जैन, छिंदवाड़ा, नीमच, खंडवा को हवाई सेवाओं से जोड़ा जा रहा है. शहडोल और शिवपुरी के लिए भी केंद्र सरकार से सहमति प्राप्त हो चुकी है, और रीवा के लिए हवाई सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है. इसके अलावा, सतना और गुना के लिए नए प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं, जिससे इन क्षेत्रों में भी यातायात की सुविधा बढ़ेगी. इन सभी विकास परियोजनाओं से मध्यप्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर उत्पन्न होंगे.