मध्य प्रदेश के सतना जिले के लोगों के लिए 31 मई 2025 एक ऐतिहासिक दिन बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 37 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस अत्याधुनिक एयरपोर्ट से सतना और पूरे विंध्य क्षेत्र के लिए हवाई यात्रा का सपना साकार किया. सतना एयरपोर्ट करीबन 452 एकड़ क्षेत्रफल में 1200 मीटर लंबा रनवे बनाया गया है. इस एयरपोर्ट को 19 सीटर विमानों के संचालन योग्य बनाया गया है. जिसमें 100 यात्रियों की क्षमता है. पीएम मोदी ने भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल माध्यम सतना और दतिया एयरपोर्ट का लोकार्पण किए. इस मौके ने न सिर्फ सतना को देश के हवाई मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया.
6-सीटर विमान से पहली उड़ान
सतना एयरपोर्ट के टर्मिनल और हवाई पट्टी का उन्नयन ‘उड़ान योजना’ (UDAN) के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य छोटे शहरों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ना है. इस हवाई अड्डे की पहली उड़ान एक 6-सीटर विमान से हुई, जिसमें सिर्फ महिलाएं सवार थीं. इस उड़ान को पूरी तरह से महिला सशक्तिकरण को समर्पित किया गया था. यह आयोजन सतना के लोगों के लिए गर्व का क्षण था, क्योंकि इसका लाइव प्रसारण भी स्थानीय स्तर पर किया गया और लोगों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ इसका स्वागत किया.
इस विशेष अवसर पर केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल और राज्य सरकार की ओर से राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल सतना में उपस्थित रहे. कार्यक्रम में शामिल उड़ान का संचालन महिलाओं की टीम ने किया. उड़ान की डायरेक्टर मोनिका थीं, जबकि विमान का नेतृत्व कैप्टन मोनिंदर कौर ने किया.
सात आदिवासी महिलाओं ने भरी पहली उड़ान
इस पहली उड़ान में जिन सात महिलाओं को शामिल किया गया, वे समाज के अलग-अलग तबकों से आईं और उनमें से दो महिलाएं मजदूरी का कार्य करती हैं. इन महिलाओं में शामिल थीं – छोटी बाई कोल, जो सोहावल जनपद की पूर्व सदस्य रही हैं; बूटी कोल, वार्ड नंबर 1, नगर पंचायत कोठी की पार्षद; संगीता कोल, सतना के वार्ड 12 से पूर्व पार्षद प्रत्याशी; सुमित्रा आदिवासी, ग्राम मगरवार, जनपद पंचायत रामपुर बाघेलान से; रीतू कोल, ग्राम लखवार, वार्ड 23, मैहर से पार्षद; मैना देवी कोल, माधवगढ़ की पूर्व सरपंच; और भूरी कोल, जो सतना के वार्ड नंबर 31, धवारी से हैं. इन महिलाओं को उड़ान का हिस्सा बनाकर सरकार ने यह संदेश दिया कि देश की महिलाएं अब हर ऊंचाई को छूने के लिए तैयार हैं.
हवाई संपर्क से बढ़ेगा सतना का कारोबार
सतना एयरपोर्ट न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए हवाई यात्रा की सुविधा लाया है, बल्कि यह जिले के उद्योग, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के विकास को भी नई दिशा देगा. अब प्रसिद्ध मैहर की शारदा देवी, चित्रकूट की रामवनस्थली, और नानाजी देशमुख ग्रामोदय विश्वविद्यालय जैसी जगहों पर देश-विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा बेहद सरल और सुगम हो जाएगी. इसके अलावा, सतना और आसपास के क्षेत्रों में मौजूद सीमेंट उद्योग, खनिज संसाधन, और व्यापारिक संस्थानों के लिए भी हवाई संपर्क से कारोबार को तेज़ गति मिलेगी.
सतना हवाई अड्डा केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं है, बल्कि यह इस पूरे अंचल की सामाजिक और आर्थिक प्रगति का प्रतीक बन चुका है. पहली उड़ान में महिलाओं को प्राथमिकता देकर इसे महिला सशक्तिकरण की उड़ान बना दिया गया, जिसने संदेश दिया कि अब भारत का भविष्य नारी शक्ति के साथ उड़ान भर रहा है.