Vindhya First

शहडोल: वर्दी में शराब के नशे में धुत पुलिसकर्मी, गाली-गलौज से जनता आक्रोशित

शहडोल: वर्दी में शराब के नशे में धुत पुलिसकर्मी, गाली-गलौज से जनता आक्रोशित

शहडोल: वर्दी में शराब के नशे में धुत पुलिसकर्मी, गाली-गलौज से जनता आक्रोशित

शहडोल: शहडोल ज़िले से पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े करने वाली एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, शैलेश कुमार मिश्रा, जो वर्तमान में शहडोल में पदस्थ हैं, उन्हें रीवा से शहडोल जाते समय शराब के नशे में गाली-गलौज करते देखा गया.

वर्दी पर लगा दाग़

पुलिसकर्मी का यह आचरण न केवल कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि उस वर्दी की इज़्ज़त को भी दाग़दार करता है जिस पर जनता अपनी सुरक्षा का भरोसा करती है. जिस पुलिस पर जनता अपराधियों से रक्षा की उम्मीद रखती है, अगर वही वर्दी नशे में धुत होकर अपमानजनक व्यवहार करे, तो यह पूरे विभाग की छवि को धूमिल करता है.

जनता का गुस्सा और भरोसे पर आघात

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना “जनता का अपमान” है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिसकर्मी ही इस तरह खुलेआम नशे में गाली-गलौज करेंगे, तो आम जनता अपनी सुरक्षा के लिए किस पर भरोसा करेगी? सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा साफ़ झलक रहा है.

क्या होगी सख़्त कार्रवाई?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस विभाग और सरकार इस मामले पर सिर्फ़ इंक्वायरी का बहाना बनाकर इसे दबा देंगे, या फिर वाकई में ज़िम्मेदारी तय की जाएगी? अक्सर ऐसे मामलों में लंबी जांच का हवाला देकर कार्रवाई टाल दी जाती है, लेकिन इस बार जनता सख़्त कदम की उम्मीद कर रही है.

प्रशासन पर दबाव

इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग बल्कि शासन-प्रशासन पर भी दबाव बढ़ा दिया है. क्योंकि अगर इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह संदेश जाएगा कि वर्दी में रहकर भी नशे और गाली-गलौज जैसी हरकतें बर्दाश्त की जाती हैं.

नशे में पुलिसकर्मी – कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न

यह मामला कानून-व्यवस्था की उस कमज़ोर कड़ी को भी उजागर करता है, जहां पुलिस को सुधारने के बजाय केवल लीपापोती कर दी जाती है. अगर एक पुलिसकर्मी ड्यूटी टाइम पर शराब पीकर सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज करता है, तो यह न केवल उसकी व्यक्तिगत छवि बल्कि पूरे जिले की पुलिसिंग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.

शहडोल का यह मामला केवल एक पुलिसकर्मी की हरकत नहीं है, बल्कि पूरे पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल है. जनता चाहती है कि इस शर्मनाक घटना पर त्वरित और सख़्त कार्रवाई हो.अब देखना यह होगा कि शासन और पुलिस प्रशासन जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए कितना तेज़ और निष्पक्ष कदम उठाते हैं.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस बनाम बीजेपी: भारतीय राजनीति का वेलफेयर मॉडल