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Toggleराफेल में उड़ीं वही पायलट शिवांगी सिंह: जिसे पकड़ने का झूठा दावा कर चुका था पाकिस्तान, अब राष्ट्रपति से मिलीं
राफेल में उड़ीं वही पायलट: भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ हाल ही में एक तस्वीर सामने आई है जिसने देश का दिल गर्व से भर दिया. यह तस्वीर थी भारतीय वायु सेना की पहली महिला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पायलट, स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह की.
वह राष्ट्रपति से उसी राफेल लड़ाकू विमान में मिलीं जिसे उड़ाने के लिए वह तैनात हैं. यह पल और भी खास इसलिए है क्योंकि शिवांगी वही पायलट हैं जिसे पकड़ने का झूठा दावा पाकिस्तान ने एक साल पहले किया था.

शिवांगी सिंह कौन हैं – एक झलक
स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह भारतीय वायु सेना में एक मिसाल हैं. उन्होंने इतिहास रचते हुए भारतीय वायु सेना की पहली महिला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पायलट बनने का गौरव हासिल किया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ IAF का एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन है जिसमें लड़ाकू विमानों को लंबी दूरी की उड़ान भरनी होती है और हवा में ही ईंधन भरना (एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग) जैसे जटिल मिशन शामिल होते हैं.
शिवांगी ने सुखोई-30 एमकेआई जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान उड़ाए हैं और अब उन्हें देश की सबसे उन्नत लड़ाकू ताकत, राफेल की पायलट के रूप में चुना गया है.
वह विवादास्पद दावा – पाकिस्तान का झूठ
फरवरी 2023 में, पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने दावा किया था कि उनकी वायु सेना ने भारतीय वायु सेना की एक महिला पायलट को पकड़ लिया है. सोशल मीडिया पर इस दावे ने तूफान ला दिया. हालाँकि, भारतीय वायु सेना ने तुरंत ही इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया. IAF ने स्पष्ट किया कि उनकी कोई भी पायलट गायब नहीं है और न ही किसी को पकड़ा गया है. यह दावा पूरी तरह से निराधार और प्रोपेगैंडा साबित हुआ.
आज, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ शिवांगी सिंह की तस्वीर ने पाकिस्तान के उस दावे की पोल एक बार फिर और जोरदार तरीके से खोल दी है. यह तस्वीर स्वयं इस बात का जीता-जागता सबूत है कि शिवांगी पूरी तरह सुरक्षित हैं और देश की सेवा में तत्पर हैं.
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राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात – एक ऐतिहासिक क्षण
स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से एक विशेष मुलाकात की. यह मुलाकात उस राफेल लड़ाकू विमान के पंखों के नीचे हुई जिसे वह उड़ाती हैं. यह क्षण न केवल शिवांगी के व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है.
यह महिला सशक्तिकरण और भारतीय वायु सेना में बढ़ती महिला भागीदारी का एक शानदार प्रतीक है. राष्ट्रपति, जो स्वयं देश की सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ हैं, का एक राफेल पायलट से मिलना देश की military capability और योग्यता के सम्मान को दर्शाता है.
महिला सशक्तिकरण का जीवंत प्रतीक
शिवांगी सिंह का सफर लाखों युवतियों के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी ऊँचाइयाँ हासिल की जा सकती हैं, चाहे वह क्षेत्र कितना भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो.
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पहली महिला ऑपरेशन सिंदूर पायलट.
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सुखोई-30 और राफेल जैसे उन्नत लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पायलट.
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एक ऐसी शख्सियत जिस पर देश को गर्व है.
सच्चाई की जीत
स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह की कहानी साहस, समर्पण और सच्चाई की जीत की कहानी है. पाकिस्तान के झूठे दावे बीते समय की बात हो चुके हैं. आज वास्तविकता यह है कि एक सक्षम महिला पायलट देश की सबसे ताकतवर वायुशक्ति, राफेल का हिस्सा बनकर देश की रक्षा कर रही है.
राष्ट्रपति के साथ उनकी तस्वीर ने न केवल एक गलत सूचना का खंडन किया है बल्कि हर उस भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा किया है जो देश की प्रगति और सुरक्षा में विश्वास रखता है. शिवांगी सिंह का यह सफर जारी रहेगा और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक बनी रहेंगी.