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Toggleअजब-गजब दुनिया: किताबें पढ़कर मिल सकती है जेल से रिहाई, और कुत्ता पालने के लिए भी है परीक्षा!
अजब-गजब दुनिया: दुनिया में रोजाना ऐसी कई हैरान कर देने वाली खबरें सामने आती हैं जो सुनने में अजीब लगती हैं, लेकिन सच होती हैं. आज हम आपको दुनिया भर की तीन ऐसी ही हटके खबरों के बारे में बता रहे हैं. इनमें किताबों से सजा माफी, कुत्ता पालने के लिए परीक्षा और खाली बैठने की प्रतियोगिता शामिल है.
1. किताब पढ़ने वाले अपराधियों की सजा माफ!
ब्राजील की एक जेल ने एक अनोखी योजना शुरू की है. इसके तहत जेल में बंद कैदी अब किताबें पढ़कर अपनी सजा कम कर सकते हैं. इस योजना का नाम ‘रिडेम्पशन थ्रू रीडिंग’ यानी ‘पढ़ाई के जरिए मुक्ति’ रखा गया है.
इसके तहत कैदी हर महीने किताबें पढ़ेंगे. हर एक किताब पढ़ने और उस पर एक रिपोर्ट लिखने के बाद उनकी सजा में से चार दिन की कटौती हो जाएगी. एक साल में अधिकतम 12 किताबें पढ़कर वे 48 दिन तक की सजा कम कर सकते हैं. इस योजना का उद्देश्य कैदियों को शिक्षित करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने में मदद करना है.
2. कुत्ता पालने के लिए अब परीक्षा पास करना जरूरी!
स्विट्जरलैंड के कुछ कैंटन (राज्य) में अब एक नया और सख्त नियम लागू हो गया है. यहां अगर कोई व्यक्ति कुत्ता पालना चाहता है, तो उसे पहले एक सख्त परीक्षा पास करनी होगी.
इस परीक्षा में कुत्ते की देखभाल, उसके व्यवहार को समझने, प्रशिक्षण देने और कानूनी जिम्मेदारियों के बारे में ज्ञान जांचा जाता है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कुत्ते को एक जिम्मेदार और जानकार मालिक मिले. जो लोग यह परीक्षा पास नहीं कर पाते, उन्हें कुत्ता पालने की अनुमति नहीं दी जाती. यह कदम पालतू जानवरों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए उठाया गया है.
3. पंजाब में खाली बैठने की प्रतियोगिता!
भारत के पंजाब राज्य के कपूरथला जिले में एक बेहद ही अलग तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता का नाम ‘बैठ अखाड़ा’ यानी ‘बैठने की प्रतियोगिता’ था.
इसमें प्रतिभागियों को सिर्फ एक चटाई पर लगातार सीधे बैठे रहना था. जो व्यक्ति बिना हिले-डुले, बिना किसी से बात किए सबसे लंबे समय तक बैठा रहता, वह विजेता घोषित किया जाता. यह प्रतियोगिता धैर्य और एकाग्रता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी. इस दौरान प्रतिभागियों के फोन भी ले लिए गए थे ताकि वह विचलित न हों.
निष्कर्ष
ये सभी खबरें हमें दिखाती हैं कि दुनिया कितनी विविध और रोचक है. कहीं सुधार के लिए अनोखे तरीके अपनाए जा रहे हैं तो कहीं जिम्मेदारी सिखाने के लिए नए नियम बन रहे हैं. वहीं कहीं मनोरंजन और धैर्य के लिए अजीबोगरीब प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं. ऐसी खबरें हमारी सोच को चौड़ा करती हैं और दुनिया को एक नए नजरिए से देखने का मौका देती हैं.