रीवा शहर ने न सिर्फ इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि यहां ऐसे लोग भी हैं जो समाज की भलाई के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देते हैं. ऐसा ही एक नाम है, रीवा शहर में है जो न सिर्फ रीवा बल्कि समूचे विंध्य क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन चुका है. उस शख्स का नाम है शैलेंद्र सोनी, जिन्होंने अब तक में 34 बार ब्लड डोनेट किया है. जहां एक आम इंसान एक-दो बार ब्लड डोनेट करने से डरता है. वहां इन्होंने एक मिसाल कायम की है, शैलेंद्र अपनी 50 वर्ष की आयु में लागातार 34 बार ब्लड डोनेट करके सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचाई और उन्हे नया जीवन दिया है.
यह भी पढ़ें-Rewa: टाइटन आई प्लस फ्री आई चेकअप कैंप, आपकी नज़र का भरोसेमंद साथी
HIV के खिलाफ लोगों को किया जागरुक
इन्होंने न केवल रक्तदान किया है, बल्कि HIV जागरूकता के क्षेत्र में भी बड़ा ही उल्लेखनीय कार्य किया है. शैलेंद्र बताते हैं कि एक समय पर हमारा रीवा शहर HIV का हब हुआ करता था. रीवा में महानगरों से ज्यादा HIV के मरीज सामने आ रहे थे. तब इन्होंने समाज में फैली भ्रांतियों और डर को दूर करते हुए, सैकड़ों लोगों को इस विषय पर सही जानकारी दी और उन्हें जागरूक किया. स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर इन्होंने HIV से जुड़ी भ्रांतियों को तोड़ा और लोगों को सही दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया.
इनका मानना है कि अगर हर व्यक्ति साल में कम से कम एक बार भी रक्तदान करे, तो देश में ब्लड की कमी कभी नहीं होगी. साथ ही, HIV जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बातचीत कर समाज को सशक्त बनाया जा सकता है.
ऐसे लोगों की कहानियां समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की ताकत रखती हैं. रीवा के इस नायक ने दिखा दिया है कि इंसान अगर ठान ले, तो अकेले भी बहुत कुछ बदल सकता है.
यह शख्स वाकई समाज के लिए एक मिसाल है—एक ऐसा नाम, जो हर युवा को प्रेरणा देता है कि सेवा का असली मजा दूसरों की ज़िंदगी संवारने में है. न कि खुद की शौक पूरी करने में.
https://www.youtube.com/watch?v=QnR7X8ye7ZI