धान पक चुकी है,गेंहू में पलेवा लगाने के लिए किसानों को पानी की कमी पड़ रही है.रायपुर कर्चुलियान तहसील के किसानों ने गेंहू में पलेवा लगाने के लिए बाढ़सागर के पानी की मांग की है क्योंकि इस क्षेत्र में नहर तो बनवा दी गई है लेकिन वहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस क्षेत्र में बारिश भी कम हुई है, जिस वजह से जलस्तर नीचे चला गया है. सूत्रों के अनुसार गोरगांव,बरेही, झांझर, पड़रिया, बरेही सहित दर्जन भर गांव ऐसे हैं जहां पानी की कमी बनी हुई है.वहीं पानी को लेकर मानपुर मनिकवार के लोग भी परेशान हैं. करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित पानी की टंकी चार महीने में ही बंद कर दी गई जिसके बाद से लोगों को पानी खरीद कर इस्तेमाल करना पड़ रहा है.
मऊगंज में 5 साल से पेड़ के नीचे प्राथमिक शाला चल रही है. तकनीक चांद पर पहुंच गई है और जमीन पर ही मूलभूत आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं.इस क्षेत्र की 75 फ़ीसदी जनता मूलभूत सुविधाओं से दूर है.यह मामला मऊगंज के नगर परिषद वार्ड क्रमांक 11 प्राथमिक पाठशाला ध्वजराम घूरेहटा का है, जहां 5 साल से प्राथमिक पाठशाला पेड़ के नीचे चल रही है.कई बार विभाग को सूचित किया गया लेकिन व्यवस्था नहीं बदली. स्कूल में 30 से 40 बच्चों का दाखिला है पर यहां कोई भवन न होने के कारण 5 से 8 बच्चे ही स्कूल जाते हैं.
रीवा संभाग में पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ गई है. जहां पिछले चुनाव में यह आठ फीसदी थी, इस चुनाव में बढ़कर यह 14 फीसदी हो गई है. यह आंकड़ा रीवा संभाग का है. हालांकि पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की संख्या बहुत कम है लेकिन बीते चुनाव की तुलना में यह आंकड़ा बड़ा है. सतना में 2023 में 20 महिला प्रत्याशी हैं जबकि 2018 चुनाव में ये 12 थी. वहीं रीवा में 12 महिला प्रत्याशी हैं , 2018 में ये संख्या 13 थी. सीधी में इस बार 7 महिला प्रत्याशी हैं जबकि 2018 में 2 थीं, वहीं सिंगरौली में 2023 में 9 महिला उम्मीदवार हैं जबकि सिंगरौली में 2018 में 6 थीं. 2023 में कुल महिला प्रत्याशियों की संख्या संभाग में 48 है वहीं 2018 में ये संख्या 33 थी.
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