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विंध्य का हक़: बेरोज़गारी दूर करने के ये हैं एक्शन प्वाइंट्स

रोजगार के मामले में मध्यप्रदेश का विंध्य क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है. जनसंख्या तो तेजी से बढ़ रही है लेकिन रोजगार के अवसर नहीं है,  पिछले कई सालों से यहां कोई नया उद्योग नहीं खोला गया, जिसका नतीजा है कि बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ रही है. 

CMIE का डाटा बताता है कि मध्यप्रदेश की बेरोजगारी दर 7.1% है. मालवा क्षेत्र में बेरोजगारी दर 6.7% है, ग्वालियर-चंबल में 7.5%, वहीं विंध्य क्षेत्र में बारोजगारी दर 9.3% है. यानी विंध्य में काम करने लायक हर दसवां विंध्यवासी बेरोजगार है.

लगभग 24 लाख जनसंख्या वाले विंध्य के रीवा जिले में 1,11,186 लोगों ने फरवरी 2017 से फरवरी 2022 के बीच रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाया. 

22 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सतना जिले में 1 लाख 42 हजार 58 लोगों ने फरवरी 2017 से फरवरी 2022 के बीच रोजगार के लिए भरा रजिस्ट्रेशन. 11 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सीधी जिले में कुल 39 हजार 326 लोगों ने रोजगार पाने के पंजीयन किया. 

सिंगरौली की कुल जनसंख्या 11 लाख 78 हजार 273 है, जिनमें 29 हजार 556 लोगों ने रोजगार के लिए पंजीयन किया. शहडोल की कुल जनसंख्या 10 लाख 66 हजार 63  हैं जिनमें 40 हजार 320 लोगों ने रोजगार पाने के लिए पंजीयन किया. 

अनूपपुर की कुल जनसंख्या 7 लाख 49 हजार 273 हैं जिनमें 24 हजार 656 लोगों ने नौकरी के लिए रजिस्टर किया है. उमरिया की कुल जनसंख्या 6 लाख 44 हजार 758 हैं जिनमें 19 हजार 759 लोगों ने रोजगार पाने के लिए रजिस्टर करवाया है. 

इन आंकड़ों से विंध्य की बेरोजगारी का अंदाजा लगाया जा सकता है. जब तक यहां की बेरोजगारी दूर नहीं होगी, पलायन दर इसी तरह तेजी से बढ़ती रहेगी. विंध्य की बेरोज़गारी कैसे दूर होगी और युवाओं को उनका हक़ कैसे मिलेगा ये जानने के लिए विंध्य फ़र्स्ट ने क्षेत्र के कुछ लोगों से बात की है. 

वरिष्ठ समाजसेवी अनुपम तिवारी का कहना है कि विंध्य के विकास के लिए विंध्य प्रदेश का अलग होना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है. सामाजिक कार्यकर्ता रोहन जॉन का कहना है कि युवाओं को रोज़गार मिले इसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि यहाँ कि शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो. अच्छे कॉलेज में प्लेसमेंट का अग़ल से डिपार्टमेंट होता है, बच्चों को शिक्षित किया जाता है और उन्हें नौकरी भी दिलवाई जाती है. 

सामाजिक कार्यकर्ता श्लेषा शुक्ला का मानना है कि बेरोज़गारी हटाने के लिए सरकार को सबसे पहले मुफ़्त की योजनाएँ बंद कर देनी चाहिए. ये लोगों को पूरी तरह से कमजोर बनाती हैं और लोग पैसे कमाने के शॉर्टकट रास्ते ढूँढने लगते हैं.

बेरोज़गारी दूर करने के एक्शन प्वाइंट्स

  • अलग विंध्य प्रदेश बनाना
  • कल कारख़ानों में स्थानीय युवाओं को रोजगार
  • कैश क्रॉप वाली कृषि
  • स्कूल, कॉलेज में बच्चों का कौशल विकास हो
  • सरकार की मुफ़्त वाली योजनाएं बंद हों

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