Vindhya First

Search

बेरोजगारी दूर करने के पांच एक्शन प्वांइट

 बेरोजगारी, ये वो शब्द है, जिसमें लोगों के पास योग्यता और नौकरी करने का सामर्थ्य तो है लेकिन उसके बाद भी नौकरी न मिले. तब उस स्थिति में लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. कई लोग नौकरी तो कर रहे हैं लेकिन वह केवल नाममात्र की यानि काम ज्यादा और पैसा न के बराबर रहता है. ऐसी स्थिति को बेरोजगारी कहा जाता हैं.

भारत देश दुनिया का सबसे अधिक युवा प्रधान देश है. लेकिन यहां युवा आज के समय की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी दर्द झेल रहा है. अगर हम देश की बेरोजगारी दर की बात करें तो 7.1 फीसदी लोग बेरोजगार है. ये आंकड़ा 2011 की जनगणना के मुताबिक है. वहीं मध्यप्रदेश की बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत है.

मालवा क्षेत्र की बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत है. ग्वालियर-चंबल की बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है. तो वहीं विंध्य क्षेत्र की बेरोजगारी दर 9.3 प्रतिशत है. यानि विंध्य क्षेत्र में काम करने लायक हर दशवां युवा बेरोजगार है.

हाल ही में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए. जिमसें आलाकमानों ने क्षेत्र के विकास को लेकर बड़े-बड़े वादे किए. लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही बयां करती है. जब तक क्षेत्र की मूलभूत समस्याएं पूरी नहीं हो जाती तक कोई कैसे कह सकता है कि क्षेत्र विकसित हो गया है.

बेरोजगारी दूर करने के कुछ एक्शन प्वांइट हैं जिनके माध्यम से क्षेत्र की बेरोजगारी दूर की जा सकती है. विंध्य क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत कुछ विशेषज्ञों से विंध्य फर्स्ट की टीम ने बात की तो ये सुझाव सामने आया.

वरिष्ठ समाजसेवी अनुपम तुवारी विंध्य क्षेत्र में बेरोजगारी दूर करने को लेकर मानते हैं कि जब विंध्य क्षेत्र मध्यप्रदेश से अलग हो जाएगा. तब यहां का चहुमुखी विकास संभव होगा. उनका कहना है कि हवा में योजनाएं घोषित करने से या झूठे वादे से विंध्य के युवाओं का विकास नहीं होगा. बल्कि विंध्य का विकास होगा यहां के कारखानों और उद्योगों पर विंध्य के युवाओं का पहला हक होगा तब जा के विंध्य क्षेत्र से बेरोजगारी दूर होगी.

दूसरे युवा सामाजिक कार्यकर्ता रोहन जॉन के मुताबिक विंध्य के युवाओं को रोजगार के अवसर दिलाने के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ स्किल्स का भी विकास करवाने पर अधिक फोकस करना चाहिए. क्योंकि किताबी ज्ञान ही हर समय काम नहीं आता है. जब तक युवोओं के अंदर कौशल का विकास नहीं होगा तब तक विंध्य क्षेत्र से बेरोजगारी दूर नहीं होगी.

इसी तरह श्लेशा शुक्ला का मानना है, सरकार जब तक लोगों को मुफ्त कि योजनाएं देना बंद नहीं करेगी तब तो कोई काम करना स्टार्ट करेगा. क्योंकि जब किसी को कोई चीज मुफ्त में मिलेगी तो जाम करना क्यों चाहेगा. इस प्रकार उनका कहना है कि अगर बेरोजगारी दूर करनी है तो युवोओं को मुफ्त की लत छोड़नी पड़ेगी.

बेरोजगारी दूर करने के एक्शन प्वांइट-

1. अलग विंध्य प्रदेश बनाना

2. कल कारखानों में शत प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को 

3. कृषि को कैश क्रॉप के रूप में विकसित करना

4. शिक्षण संस्थानों में कौशल विकास पर जोर

5. मुफ्त की योजनाएं बंद हो