विंध्य में इस बार सियासी समीकरण बदलने के आसार हैं. पांच राज्यों में चुनाव पूरे होने के बाद अब नतीजे को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. विंध्य क्षेत्र की बात करें तो यहां शहडोल संभाग में कांग्रेस को बढ़त मिलने के आसार दिख रहे हैं.शहडोल संभाग में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं.इनमें आठ में से चार में कांग्रेस के आगे रहने की बात सामने आ रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि तीन में भाजपा और एक में गोंडवाना प्रत्याशी लड़ाई में होने के कारण परिणाम किसी के पक्ष में जा सकता है. रीवा संभाग में भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है.रीवा संभाग में वर्तमान में 6 जिले हैं लेकिन राजनीतिक जिले सतना,रीवा सीधी और सिंगरौली हैं. इन चार जिलों में कुल मिलाकर विधानसभा सीटें 22 हैं. इन 22 सीटों में 10 भाजपा के पक्ष में जा सकती हैं और बची हुई 12 सीटों में से 9 सीटें कांग्रेस और तीन बसपा या अन्य को मिल सकती हैं.
21वीं सदी है आज के समय में मनुष्य चांद पर पहुंच गया है लेकिन जमीन पर ही उसे मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. मामला है जवा तहसील के ग्राम पंचायत लूक अंतर्गत बाबा टोला का जहां आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. यह टोला 100 साल से ज्यादा समय से है लेकिन यहां अगर मरीज को अस्पताल पहुंचाना हो तो उसके लिए उन्हें चारपाई से मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है. बच्चों की शिक्षा भी इससे प्रभावित होती है. बरसात के समय हालात और भी ज्यादा खराब हो जाती है.स्थानीय लोगों ने शासन- प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से कई बार समस्या के बारे में शिकायत करी लेकिन आज तक ग्रामीणों को रास्ता नसीब नहीं हुआ.
बढ़ती महंगाई का असर अब लोगों की थाली में दिखने लगा है. दाल, जो हर भारतीय थाली का एक मुख्य व्यंजन है उसके दाम बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं.अरहर की दाल सबसे ज्यादा महंगी है.बाजार में 160 से 180 रुपए किलो ही दाल मिल रही है जिसने अब तक के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.चने की दाल भी काफी महंगी हो गई है. जो दाल आसानी से ₹60 किलो मिल जाती थी अब उसके लिए ₹100 खर्च करने पड़ रहे हैं.अरहर की दाल अमूमन सबसे ज्यादा बिकती है लेकिन अब इसका रेट इतना ज्यादा हो गया है कि लोग कम खरीद रहे हैं. शादी का भी सीजन है ऐसे में अरहर और चना दाल की डिमांड बढ़ जाती है.फिलहाल दाम कम होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं.
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