भारतीय शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश (D Gukesh) दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चेस चैंपियन (World Chess Champion D Gukesh) बन गए हैं. डी गुकेश ने सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप ((World Chess Championship) जीतकर इतिहास रच दिया है. इस खिताब को जीतने वाले वह सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं. इसके साथ ही विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) के बाद, गुकेश, शतरंज में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. गुकेश ने 14वें गेम में चीन के ग्रैंड मास्टर डिंग लिरेन को वर्ल्ड चैंपियनशिप में शिकस्त दी है. FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 के निर्णायक मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन सफेद मोहरों और गुकेश काले मोहरो के साथ खेल रहे थे. मैच टाइब्रेकर की तरफ जा रहा था तभी 53वीं चाल में डिंग लिरेन का ध्यान भंग हो गया और उनसे गलती हो गयी. जिसके बाद डी गुकेश ने फिर लिरेन को वापसी का मौका नहीं दिया और बाजी मार ली.
चेन्नई के रहने वाले डी गुकेश का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है. गुकेश का जन्म 7 मई 2006 को हुआ था. गुकेश के पिता रजनीकांत पेशे से डॉक्टर हैं और मां डॉ पद्मा पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं. गुकेश की स्कूलिंग चेन्नई, तमिलनाडु से ही हुई है. उन्होंने Velammal Vidyalaya, Mel Ayanambakkam school से पढ़ाई की है. ये चेन्नई के फेमस ग्रुप ऑफ स्कूल्स हैं. यहां से पहले भी कार्तिकेयन, अरविंद चिदंबरम, प्रागनन्दा जैसे चेस ग्रैंडमास्टर निकल चुके हैं. गुकेश को स्कूल के दिनों से ही चेस में बहुत इंटरेस्ट था. उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. गुकेश के स्कूल कोच भास्कर ने पहली बार उनकी ये प्रतिभा पहचानी थी. सिर्फ 6 महीने की ट्रेनिंग में ही गुकेश FIDE रेटिंग में शामिल हो गए थे.
गुकेश की चेस कोचिंग
गुकेश ने शुरू में भास्कर नागैया से चेस की कोचिंग ली. इसके बाद कुछ समय तक गुकेश को विश्वनाथन आनंद से भी चेस की ट्रेनिंग मिली. गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था. तब वह ऐसा करने वाले सबसे युवा प्लेयर बने थे. इसी साल 10 से 23 सितंबर 2024 को बुडापेस्ट में चेस ओलंपियाड का आयोजन किया गया था. इसमें भारत मेंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में चैंपियन बना था. ओपन कैटेगरी में गुकेश ने ही फाइनल गेम जीतकर भारत को जीत दिलाई थी. वर्तमान में गुकेश,आनंद शतरंज अकादमी में ट्रेनिंग लेते हैं.
माता-पिता हैं सफलता के स्तंभ
गुकेश अपने माता-पिता को अपनी सफलता का स्तंभ मानते हैं. दरअसल, गुकेश को कम उम्र से ही चेस कंपटीशन्स के लिए जगह-जगह ट्रैवल करना पड़ता था. जिसकी वजह से उनके साथ आने-जाने के लिए उनके पिता रजनीकांत ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी.
खिताबों से भरी है गुकेश की जिंदगी
गुकेश ने 2015 में गोवा में शतरंज की नेशनल स्कूल चैंपियनशिप जीती थी. इसके बाद अगले दो साल तक वो इसे जीतते रहे. 2019 में वो सबसे कम उम्र के भारतीय ग्रैंडमास्टर बने. दुनिया में वो तीसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर थे. 2016 में उन्होंने कॉमनवेल्थ चेस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद उन्होंने स्पेन में आयोजित अंडर-12 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती. साल 2021 में उन्होंने यूरोपियन चेस क्लब कप जीता, जहां उनका मुक़ाबला मैगनस कार्लसन से था. गुकेश अब तक दस ओपन टाइटल जीत चुके हैं, जिनमें फ्रांस में आयोजित 2020 का केंस ओपन शामिल है. इसके अलावा 2021 का नॉर्वेजियन मास्टर्स, 2022 में स्पेन में आयोजित मेनोर्का ओपन और 2023 में नॉर्वे गेम्स का टाइटल जीत चुके हैं. साल 2023 में 2700 से ऊपर हाइएस्ट FIDE रेटिंग पाने वाले यंगेस्ट प्लेयर बने. वहीं सितंबर 2024 तक भारत के चेस मास्टर विश्वनाथन आनंद से आगे निकल गए. मास्टर आनंद के 37 साल के चेस करियर में ऐसा पहली बार हुआ है.
सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप
साल 2024 के फिडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के मैच सिंगापुर में 25 नवंबर 13 दिसंबर तक आयोजित किए गए. ये चैंपियनशिप इस मामले में ऐतिहासिक रही कि इसके 138 साल के इतिहास में ख़िताबी जीत के लिए दो एशियाई खिलाड़ी ही आमने-सामने थे. पूर्व विश्व चैंपियन डिंग लिरेन और भारत के गुकेश दोम्माराजू के बीच इस चैंपियनशिप में खेले गए 14 दौर की बाज़ियों में से 13वें दौर तक मुक़ाबला बराबरी पर था. हर राउंड कई-कई घंटे तक चला. इस गेम में 9 बार मैच ड्रा हुआ. चीन के डिंग लिरेन ने 2 बार मैच जीता जबकि भारत के डी गुकेश ने तीन बार जीत हासिल की. इसी के साथ डी गुकेश वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतने वाले 18वें खिलाडी बन गए.
डी गुकेश के बारे में पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो।।