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रीवा SGMH: ऑपरेशन के बाद 5 प्रसूताओं की मानसिक स्थिति बिगड़ी, अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही!

मध्य प्रदेश के रीवा जिले के संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में शुक्रवार यानी 27 फरवरी 2025 को देर रात एक गंभीर चिकित्सीय लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां ऑपरेशन के बाद पांच प्रसूताओं की मानसिक स्थिति अचानक बिगड़ गई. कोई जोर-जोर से चिल्लाने लगी, कोई बेतहाशा हाथ-पैर पटकने लगी, तो कोई अचेत अवस्था में बिस्तर पर ही पड़ी रह गई. उनकी ऐसी कंडीशन देख पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. अस्पताल प्रबंधन पूरे कमेटी के साथ महिलाओं के जांच में जुट गया.

वहीं प्रसूताओं के परिजन आरोप लगाने लगे कि या तो इन्हें गलत दवाइयां दी गईं या फिर ओवरडोज़ दिया गया, जिसके कारण इनकी यह स्थिति हुई है. परिजन कहते हैं कि हमारे पेसेंट को एक्सपायर दवाई दी गई है. परिजन कहते हैं कि सीनियर डॉक्टर जूनियरों के भरोसे मरीजों के छोड़ देते हैं जिसका खमियाजा हमें भुगतना पड़ता है. इस पर अस्पताल प्रशासन कहता है कि यह समस्या एक ‘व्यूपी बेकेनिक रिस्थैटिक’ इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के कारण हुई है.

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महिलाओं की बिगड़ी हालत से मचा हड़कंप
गर्भवती महिलाएं सामान्य स्थिति में अस्पताल में भर्ती हुई थीं, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी मानसिक स्थिति पूरी तरह बदल गई. पांचों महिलाओं में से कुछ बोलने में असमर्थ हो गईं, तो कुछ खुद पर नियंत्रण खो बैठीं और कुछ बेहोशी की हालत में चली गईं. लक्ष्मी, महक खान और तीन अन्य प्रसूताओं की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उनके परिवार वाले घबरा गए. लक्ष्मी के भाई कृष्णा गुप्ता ने बताया कि उनकी बहन ऑपरेशन से पहले ठीक थी, लेकिन बाद में न तो कुछ बोल पा रही थी, न ही अपने बच्चे और पति को पहचान रही थी.

ऑपरेशन के बाद अचानक क्यों बिगड़ी महिलाओं की हालत?
महक खान की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि सर्जरी के कई घंटों तक वह गहरी नींद में सोती ही रह गई. जब घरवालों ने उसे जगाने की कोशिश की, तो वह हाथ-पैर पटकने लगी और बिस्तर से उठकर भागने लगी. फिलहाल महक आईसीयू में ही भर्ती है, लेकिन अब वह खतरे से बाहर हैं. महक की सास कहती हैं कि अगर इंजेक्शन का साइड इफेक्ट था तो सिर्फ इन्ही पांच महिलाओं पर इतना गंभीर असर क्यों हुआ? वो कहती हैं कि ये सब डॉक्टरों ककी लापरवाही के कारण हुआ है.

वहीं, संजय गांधी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा ने सफाई देते हुए कहते हैं कि ‘व्यूपी बेकेनिक रिस्थैटिक’ नामक इंजेक्शन की प्रतिक्रिया के कारण इन महिलाओं को यह समस्या हुई. हालांकि, परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अपनी गलती छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.

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क्या दोषियों पर होगी कार्रवाई?
यह घटना सरकारी अस्पतालों में लापरवाही और मरीजों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. आखिर कब तक मरीज इस तरह की लापरवाही का शिकार होते रहेंगे? क्या इस मामले में दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी यूं ही दबा दिया जाएगा? फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन क्या यह जांच पीड़ित परिवारों को न्याय दिला पाएगी? यह सवाल अब भी बना हुआ है.


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