ट्रम्प को भारत का जवाब: जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला, तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप अस्वीकार्य!
ट्रम्प को भारत का जवाब: भारत के विदेश मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अपना स्पष्ट और दृढ़ रुख दोहराया है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने की बात कही थी. विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े सभी मसलों का समाधान भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर ही करेंगे.
भारत का दृढ़ संकल्प: द्विपक्षीय वार्ता ही एकमात्र रास्ता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इससे संबंधित कोई भी चर्चा या समाधान द्विपक्षीय स्तर पर ही संभव है. उन्होंने जोर दिया कि भारत हमेशा से ही पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है और आगे भी रहेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप को भारत स्वीकार नहीं करेगा.

ट्रम्प के मध्यस्थता प्रस्ताव को खारिज
दो दिन पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने की इच्छा जताई थी. उनके इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत की सुसंगत नीति को दोहराया. उन्होंने कहा कि भारत का रुख इस मामले पर हमेशा स्पष्ट रहा है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही सक्षम हैं कि आपसी बातचीत के माध्यम से अपने मुद्दों का समाधान ढूंढ सकें.
पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद
भारत ने हमेशा ही पाकिस्तान के साथ सामान्य और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने की इच्छा व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान भी इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगा और द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से सभी मुद्दों का समाधान खोजने के लिए आगे आएगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है.

जम्मू-कश्मीर: भारत का आंतरिक मामला
विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक आंतरिक मामला है और इस पर किसी भी बाहरी राय या हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है. भारत अपनी स्वायत्तता और भौगोलिक एकता की सुरक्षा हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित है.
संक्षेप में, भारत ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि वह किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही सभी मुद्दों का समाधान करेगा. ट्रम्प के मध्यस्थता प्रस्ताव को खारिज करते हुए भारत ने अपनी संप्रभुता और द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर जोर दिया है.
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