अनूपपुर (Anuppur) जिले के कोतमा जनपद में 1300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण (Land Acquisition) 14 फरवरी 2012 को किया गया था. यहां पर 1200 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट शुरू किया जाना था. लेकिन 12 साल बीत जाने के बाद भी वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (Welspun Energy Private Limited) इसे शुरू नहीं कर पाया है. इतना ही नहीं अब इस प्लांट को बेचने के भी आरोप लग रहे हैं. खास बात यह है कि जिन ग्रामीणों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, वो यहां से मिलने वाली नौकरी और सुविधाओं के लिए मोहताज हैं.
ऐसे में ग्राम पंचायत मझौली, उमरदा, गुलीडांड के सैकड़ो किसान जनसुनवाई के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. जहां किसानों ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि भूमि अधिग्रहण के 12 साल बीत गए. वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा दिया जा रहा बेरोजगारी भत्ता और चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल जैसी व्यवस्था को बंद कर दिया गया है. कंपनी ने आज तक न तो पावर प्लांट शुरू किया और ना ही किसानों को नौकरी दी.
वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने किया था अधिग्रहण
कोतमा जनपद के किसानों की लगभग 1300 एकड़ भूमि का 14 फरवरी 2012 को वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने अधिग्रहण किया था. हालांकि 1200 मेगावाट क्षमता के इस पावर प्लांट की शुरूआत आज तक नहीं हुई.
बेरोजगारी भत्ता बंद
बता दें कि किसानों को लालच देकर उनकी भूमि ले ली गई. जिसके कारण किसान खेती भी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कंपनी के द्वारा दी जा रही बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य सुविधाएं भी बंद कर दी गई है. किसानों का आरोप है कि वेलस्पन कंपनी के द्वारा अधिग्रहित भूमि को अदानी पावर को बेच दिया गया है. जिसके आधार पर नया करारनामा अदानी पावर के साथ कराया जाए.
ग्रामीणों की हैं ये मांग
- वेलस्पन कंपनी के द्वारा जो बेरोजगारी भत्ता दिया जाता था उसे आज की महंगाई अनुसार कराया जाए.
- पूर्व के करारनामा के अनुसार स्थाई और स्थानीय नौकरी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी जाए.
- 1 एकड़ से कम जमीन हो उनको भी नौकरी दी जाए.
- चिकित्सा, शिक्षा, छात्रवृत्ति, पानी, बिजली, खेल औऱ सीएसआर की सभी सुविधा शुरू की जाए.
- यदि यह शर्तें कंपनी पूरी नहीं करती है तो किसानों की भूमि वापस उन्हें लौटाई जाए.
पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो.