वृद्धावस्था में सबसे ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है इसी उम्र में जब घर परिवार का सहयोग न मिले तो इंसान सरकार की ओर देखने लगता है कि बुढ़ापे में कोई तो मदद करेगा, मध्यप्रदेश में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने हैं जिनकी तैयारी सभी दल कर रहे हैं. इसी तैयारी में राजनीतिक दल सभी मतदाता को अपनी तरफ करने के लिए दिन रात एक किये हुए हैं.
सत्ताधारी दल ने चुनावी वर्ष में महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना शुरू कर महिलाओं के खाते में हर महीने 1250 जारी करते हुए इस राशि को 3000 हजार तक पहुंचाने का वादा किया है. जबकि जिस उम्र वर्ग को यह सहायता राशि दी गई वह कार्य करने की आयु वर्ग में आती हैं. इसी तरह युवाओं को सीखो कमाओ नाम से योजना शुरू कर लुभाने का कार्य किया गया.
वृद्ध जन जिन्हें पेंशन के नाम पर कुछ रुपए मिलते थे, वह राशि जारी नहीं की जा रही है. यह पेंशन सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी जानी जाती रही है. वृद्ध जन का कहना है कि राशि न आने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राशि जारी न करने का कारण क्या है यह भी वृद्ध जन को नहीं बताया जा रहा है.
वृद्धजन का प्रश्न है कि कहीं लाडली बहना योजना की वजह से तो नहीं रुकी है सामाजिक सुरक्षा पेंशन. वृद्धावस्था में देख-भाल के लिए रुपए की जरूरत ज्यादा होती है, जब वृद्धजन की जेब खाली होगी तो जीवन यापन में कठिनाई तो आएगी ही सरकार को इस दिशा में बेहतर क़दम उठाना होगा.
आख़िर क्यों मजबूर हैं वृद्धजन घर से दूर रहने के लिए, माता-पिता के प्रति जिम्मेदारी को संतान क्यों भूल जाती है. ग़रीबी बेरोज़गारी के कारण तो नहीं टूट रहे परिवार, जब परिवार बिखरते हैं तो सबसे ज्यादा वृद्धजन प्रभावित होते हैं. वृद्ध जन के उत्थान में सरकार की भूमिका क्या है? कौन है मुख्य मुद्दे जिसकी चाह में यह वृद्धजन बैठे हैं, इन सभी सवालों के उत्तर खोजता है विंध्य फर्स्ट का कार्यक्रम अपनापंचे का यह एपिसोड. विशेष चर्चा में शामिल रहे सुरेश डेगन, डी.एस. बघेल
पूरा विवरण जानने के लिए वीडियो पर क्लिक करें