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विधानसभा चुनाव 2023:  रीति-केदार की तकरार में भाजपा को फायदा या नुकसान जानिए पूरा विवरण 

भाजपा को फायदा या नुकसान

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तारीख घोषित हो गई है, प्रदेश में राजनीतिक गतिविधि भी तेज हो गई हैं. इन दिनों विंध्य क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्र सीधी, मैहर और सतना में सबकी नज़र जमी हुई है. कारण है सत्ताधारी दल भाजपा की टिकट वितरण सूची, इस सूची में मैहर विधानसभा के लिए नारयण त्रिपाठी की जगह श्रीकांत चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाया गया है. तो सीधी से तीन बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला को नजरअंदाज करते हुए सीधी की सांसद रीति पाठक को प्रत्याशी बनाया गया है.

 इन दोनों विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. मैहर से वर्तमान विधायक नारयण त्रिपाठी ने भाजपा से   इस्तीफ़ा देकर विंध्य जनता पार्टी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.  सीधी में केदारनाथ शुक्ला ने भी विरोध के स्वर को बल देते हुए न्याय यात्रा निकाल के जनसमर्थन माँगा था.  विंध्य फर्स्ट की टीम ने सीधी विधायक से बात कर मामले की गम्भीरता को पता लगाया चर्चा में विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि उनके साथ षड्यंत्र हुआ है, बीजेपी टिकट में बदलाव नही करती तो सीधी में भाजपा को सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा. अपनी बात के अनुसार बीजेपी से तीन बार विधायक रहे केदारनाथ शुक्ला  निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में चुनाव हैं.

सीधी की तरह ही सतना जिले की सतना विधानसभा से चार बार के सांसद गणेश सिंह को टिकट देकर पार्टी ने सबको चौकाया है. लेकिन स्थानीय कार्यकर्ता और पार्टी के पदाधिकारियों ने यहाँ भी टिटक वितरण का  विरोध किया है. ऐसा ही विरोध रीवा की मऊगंज विधानसभा में भी देखने को मिल रहा हैं. मध्यप्रदेश में साल 2018 का चुनाव परिणाम बहुत नजदीकी रहा था. 2023 का परिणाम कैसा होगा यह प्रश्न सबके मन मे है. 

विंध्य क्षेत्र के राजनीतिक घटनाक्रम में आगे क्या हो सकता है और  यह विरोध किस पार्टी के लिए लाभ या हानि पहुंचाएगा इन्ही प्रश्नो के उत्तर खोजता है  विंध्य फर्स्ट के विशेष कार्यक्रम अपनापंचे का यह एपिसोड . इस चर्चा में शामिल रहे राजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला और सीधी से डॉ.अनूप मिश्रा. पूरा विवरण जानने के लिए वीडियो पर क्लिक करें