देश में शिक्षा संस्थानों की बात होती है, तो अक्सर IIT और IIM का नाम सबसे पहले आता है, जहां अधिकांश माता-पिता अपने बच्चे को पढ़ाई करना चाहते हैं. लेकिन आज हम बात करेंगे उन शिक्षा संस्थानों की जिनमे छात्रों के ड्रॉपआउट बढ़ते जा रहे हैं यह कोई आम शिक्षा संस्थान न होकर देश के विशेष संस्थान में शामिल IIT – IIM हैं बड़ा सवाल यह है कि आख़िर छात्र पढ़ाई से क्यों दूर हो रहे हैं, इन छात्रों में विशेषकर SC, ST, और OBC वर्ग के विद्यार्थी हैं, जो इन संस्थानों से पढ़ाई छोड़ते हैं.
डेटा में स्थिति:- पिछले पांच सालों में, 13626 छात्रों ने IIT और IIM से पढ़ाई छोड़ी, जो OBC, SC, और ST वर्ग से थे.इसके लिए शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में बताया था कि उक्त के पीछे कई कारण हैं, जो उच्च शिक्षा में छात्रों को परेशानी में डाल सकते हैं.
चर्चा में शामिल कारण और समाधान:
- विकल्पों की कमी: छात्रों के पास कई विकल्प होते हैं, लेकिन वे अकसर विभिन्न संस्थानों और कोर्सों के बीच ट्रांसफर करते रहते हैं. सरकार को इस दिशा में उपयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए.
- आर्थिक समस्याएँ: आर्थिक कमजोरी वाले छात्रों को मदद करने के लिए सरकार ने कई उपाय अपनाए हैं, जैसे कि फीस में कमी, छात्रवृत्ति, और अधिक संस्थानों की स्थापना.
- ड्रॉपआउट रेट की जाँच: सरकार को ड्रॉपआउट के कारणों की समीक्षा करनी चाहिए, खासकर SC, ST, और OBC वर्ग के छात्रों के बीच.
- कैंपस का माहौल: शिक्षा मंत्री और संस्थानों को छात्रों को जोड़े रखने के लिए कैंपस में सकारात्मक माहौल बनाए रखने की जिम्मेदारी को बढ़ाना चाहिए.
- आर्थिक बोझ कम करना: आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को शिक्षा के साथ नौकरी करने का मिलाजुला बोझ कम करने के लिए सरकार को और संस्थानों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए.
नई दिशा:- ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता है, जो छात्रों को आत्मनिर्भर बनाए रखे. छात्रों के समर्थन और मार्गदर्शन हेतु सहयोग प्रदान करना आवश्यक है.
इस प्रयास में, हम सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि हर छात्र को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफलता मिले. संस्थानों को भी छात्रों की समस्याओं को समझने और समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है. सामाजिक समरसता और सामूहिक समृद्धि की दिशा में मिलकर काम करना होगा ताकि हर छात्र को अपनी क्षमताओं का सही उपयोग करने का मौका मिले.
इस समस्या का समाधान केवल सरकार और संस्थानों के साथ ही नहीं, समाज के सभी स्तरों पर एक मिले जुले प्रयास से हो सकता है. हम सभी को इस दिशा में योगदान देना होगा ताकि हर छात्र को उच्च शिक्षा का अधिक से अधिक लाभ हो सके. अपनापंचे कार्यक्रम में हुई चर्चा में यह बात सामने आई है कि हर छात्र को अच्छी शिक्षा का हक है और हमें समृद्धि की दिशा में साथ मिलकर काम करना चाहिए पूरा विवरण जानने के लिए वीडियो जरूर देखें,अपने विचार कमेंट बॉक्स में बताएं.