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MPPSC Prelims 2023: फिर रुकेंगी नियुक्तियां, PSC को मिली HC की फटकार

MPPSC Prelims 2023

मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बन गया है जहाँ प्रतियोगी परीक्षा की तारीख़ घोषित होती हैं तो परीक्षा नहीं होती, किसी तरह परीक्षा हुई तो उसके परिणाम नहीं घोषित होते,यदि परिणाम आए तो उनमे कानूनी पेंच फंसा के नियुक्तियां नहीं दी जाती हैं. यह हाल किसी सामान्य परीक्षा का नहीं है बल्कि राज्य प्रशासनिक सेवा (MPPSC) का है. इस मामले में सरकार को एवं जन प्रतिनिधियों को भी संज्ञान लेकर प्रयास करने की जरूरत है ऐसा परीक्षार्थी छात्रों का कहना है. प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थीयों का कहना है कि सरकार बनने का काम या चुनाव का कार्य अपने निर्धारित दिनांक में होता है पर हमारी परीक्षा और नियुक्ति समय पर नहीं होती है. मध्यप्रदेश में नियुक्तियाँ न मिलने से परेशान परीक्षार्थी अब परीक्षा छोड़ने को मजबूर हैं.कल 17 दिसंबर को MPPSC प्रिलिम्स 2023 की परीक्षा है पहला प्रश्नपत्र सुबह 10 बजे से होगा जिसमे सामान्य अध्ययन मुख्य है. जबकि सामान्य अभिरुचि की परीक्षा दोपहर 2:15 से शुरू होनी है. यह परीक्षा हो तो जरूर रही है, पर इस परीक्षा का परिणाम कब आएगा यह कोई बता नहीं सकता यहाँ यह कहने का कारण है एमपीपीएससी का अब तक का रवैया, 2018 के बाद से अभी तक MPPSC ने किसी को नियुक्ति नहीं दी है. लम्बे समय तक तैयारी करना और उस तैयारी के बाद कोई परिणाम न आना सरकारी व्यवस्था पर सवालिया निशान छोड़ता है.

क्यों घट रहे परीक्षार्थी:- साल 2023 MPPSC की परीक्षा में 2 लाख 30 हजार अभ्यर्थी शामिल होने जा रहे हैं. लेकिन इस बात का अंदाजा क्या सरकार को है कि महज 2 वर्षों में आखिर पीएसी की राज्य सेवा परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बीते सालों के हिसाब से 85 हजार से ज्यादा क्यों घट गई है. अभ्यर्थियों की संख्या साल 2021 में 3 लाख 15000 से भी ज्यादा थी.घटती संख्या का सबसे बड़ा कारण प्रदेश में युवाओं का मनोबल टूटना मना जा रहा है.

कब कितने पद में निकली भर्ती:- पीएससी की परीक्षा 2023 में 229 और 2022 में 427 पद थे, जबकि 2021 में 283 पद रहे थे. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आखिरी नियुक्तियां 2018 के 286 पदों पर की थी. आपको यह जानकर हैरानी जरूर होगी कि 2019 से 2022 तक के सालों में 1541 पदों पर नियुक्तियां अधर में लटकी हुई हैं. जिनमे 2022 के 427 पदों के लिए मुख्य परीक्षा जनवरी माह की शुरुआत में होनी है.

MPPSC 2019 का मामला अभी तक अनसुलझा क्यों :- 2019 की प्रारंभिक परीक्षा 3 साल पहले 12 जनवरी को हुई थी, तब से अब तक अभ्यर्थी सिर्फ इंतजार ही कर रहे हैं और मामला अभी भी कोर्ट में है. हालांकि पात्र अभ्यर्थियों के इंटरव्यू हुए और अब उन्हें मेरिट बेस पर नियुक्ति का इंतजार है. लेकिन कुछ अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल किए जाने का मामला भी कोर्ट में लंबित है. इतना ही नहीं MPPSC 2019 का फाइनल रिजल्ट आने में अभी और देर होगी क्योंकि इसकी मुख्य परीक्षा भी दो बार हुई और परिणाम दो बार बदले जा चुके हैं. उलझनो की खिचड़ी बन चुकी इस चयन प्रक्रिया के बाद इंटरव्यू के भी दो दौर होंगे. वहीं दूसरे बदले हुए परिणामों में ऐसे कई अभ्यर्थी बाहर हो गए थे जो पहले इंटरव्यू के दौर के लिए चयनित हुए थे यह अभ्यर्थी कोर्ट में पहुंचे और पीएसी के नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले पर सवाल उठाया.

आयोग ने क्यों दर्ज की याचिका:- प्रभावित अभ्यर्थी कोर्ट से राहत लेकर आए तो पीएसी ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी. इस पूरे मसले पर शुक्रवार यानी 15 दिसंबर 2023 को सुनवाई के दौरान पीएससी के वकील पहुंचे ही नहीं. जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए तल्ख लहज़े में तारीख सीधे आठ सप्ताह आगे बढ़ा दी. तो अब एक बार फिर परिणाम रुके रहेंगे. और अगली सुनवाई फरवरी माह में होगी. छात्रों में परिणाम को लेकर जो उम्मीद थी अब वह उम्मीद भी नहीं रही.
यह प्रकरण इतना पेंचीदा हो गया है कि इसका निर्णय होना कठिन लग रहा है, अभ्यर्थी और चयन आयोग दोनों अपने को सही साबित करने में लगे हैं इस महत्वपूर्ण मामले में विंध्य फर्स्ट ने एक रिपोर्ट तैयार की है पूरा विवरण जानने के लिए वीडियो जरूर देखें और अपने विचार कमेंट सेक्सन में अवश्य बताएं.