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प्रतिभा सिंह बघेल ग़ज़ल और ठुमरी गानों में हैं पारंगत

विंध्य क्षेत्र के रीवा की प्रतिभा सिंह

विंध्य क्षेत्र के रीवा से संबंध रखने वाली सिंगर प्रतिभा सिंह बघेल से विंध्य फर्स्ट ने उनके जीवन की कई कड़ियों पर बात की. कहां से उनकी म्यूजिक की शुरुआत हुई. मुंबई जाकर वो रीवा को कैसे याद करती हैं. ऐसे प्रश्नों पर उन्होंने अपनी जिंदगी के कई दिलचस्प किस्से सुनाए.
प्रतिभा सिंह बघेल एक भारतीय सिंगर और थिएटर एक्ट्रेस हैं. प्रतिभा ने 2009 में म्यूजिक रियलिटी टीवी शो सारेगामापा से अपनी शुरुआत की. सारेगामापा से ही उन्हें म्यूजिक इंडस्ट्री में जोड़ लिया गया बॉलीवुड फिल्मों में गाने का मौका भी मिला. प्रतिभा की मधुर आवाज दर्शकों को मंत्र मुक्त कर देने वाली है.

प्रतिभा के इंटरव्यू को हमने कई भागों में बांटा है, पहले भाग में प्रतिभा ने हमें बताया है संगीत में अपनी पसंद को. यानी की प्रतिभा की विशेष रूचि और जुनून गजलों में निहित है. गजलों के साथ-साथ प्रतिभा ठुमरी जैसे इंडियन क्लासिकल गीतों को गाना पसंद करती हैं.

इंटरव्यू के पहले भाग में प्रतिभा ने ठुमरी और क्लासिकल म्यूजिक के बारे में बताया, ठुमरी भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक गायन शैली है, इसमें रंग, भाव और रस की महत्वता होती है. यानी कि जिसमें राज की शुद्धता की तुलना में भाव को ज्यादा महत्व दिया जाता है. कई भावों को प्रकट करने वाली शैली होती है, ठुमरी. श्रृंगार रस की प्रधानता होती है, यह रागों के मिश्रण की शैली भी है. जिसमें एक राग से दूसरे राग में जाने की छूट रहती है और रंजकता और भाव की अभिव्यक्ति होती है.
इसी के साथ प्रतिभा सिंह बघेल ने बेगम अख़्तर की मशहूर ठुमरी हमरी अटरिया पे आओ सावरिया गाकर सुनाया.

प्रतिभा की सुरीली आवाज में हमरी अटरिया सुनने के लिए पूरा वीडियो जरूर देखिए और अगले भाग में पढ़िए प्रतिभा बघेली लोकगीतों के बारे में क्या कहती हैं.