देश में सरकारें अपने समय पर बनती हैं, चुनाव भी अपने समय पर होता है, लेकिन युवाओं की परीक्षाओं को जब मन चाहे आगे पीछे कर दिया जाता है, मध्यप्रदेश में एक ही माह में राज्य की 3 बड़ी परीक्षाओं का आयोजन किया गया है, जिससे युवाओं को मानसिक अवसाद झेलना पड़ रहा है.
मन मर्जी बदली गई परिक्षाओं की तारीखें
मध्यप्रदेश में 21 मई 2023 को दो पालि में प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों में 2022 के लिए MPPSC प्रारंभिक परीक्षा संपन्न हुई. आयोग द्वारा 12 जुलाई 2023 को रिजल्ट जारी किया गया जिसमें 10357 योग्य अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा 2022 के लिए चयनित किया गया. ये अभ्यर्थी प्रदेश की 457 रिक्तियों के लिए 10357 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे.
आपको बता दें मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले मुख्य परीक्षा 2022 का आयोजन किया जाना था और आयोग द्वारा 25 अगस्त 2023 को मुख्य परीक्षा 2022 के लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था, जिसमें परीक्षा की तारीख 30 अक्टूबर से 04 नवंबर तय की गई थी, लेकिन जैसे ही निर्वाचन आयोग ने 9 अक्टूबर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा की, राज्य लोक सेवा आयोग ने 12 अक्टूबर 2023 को नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें चुनाव के बाद परीक्षा करवाने का फैसला लिया गया. परीक्षा की तारीख 26 दिसंबर से 31 दिसंबर 2023 तय की गई.
विधानसभा चुनाव बना कारण
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के OSD रवींद्र पंचभाई का कहना था कि, निर्वाचन आयोग की मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के मद्देनजर, परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता और सुरक्षा व्यवस्थाओं की स्थितियों पर विचार के बाद राज्य सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2022 की तारीख बढ़ाई गई है. साथ ही उनका कहना था कि, इससे परीक्षार्थियों को तैयारी का समय भी मिलेगा.
निर्वाचन आयोग ने 9 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित की जिसके साथ ही आचार संहिता लागू हो गई थी. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को चुनाव हुआ और वोटो की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
इस तारीख से परिक्षार्थियों को क्या समस्या है
मध्य प्रदेश में 10 दिसंबर को स्टेट फॉरेस्ट मेन्स की परीक्षा है, 15 पदों पर नियुक्ति होनी हैं, ठीक 6 दिन बाद 17 दिसंबर को एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 की परीक्षा है, वहीं ठीक 8 दिन बाद एमपीपीएससी 2022 की मुख्य परीक्षा है. यानी एक माह में राज्य स्तर की तीन बड़ी परीक्षाएं जिनमें हजारों की संख्या में विद्यार्थी शामिल होंगे. ये राज्य स्तर की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक हैं.
परीक्षार्थियों का कहना है कि 2023 के प्री-लिम्स और 2022 की मेन्स के बीच कम से कम 40 दिन का समय दिया जाना चाहिए इसलिए MPPSC प्री-लिम्स 2023 की परीक्षा फरवरी 2024 में कराई जाए. आपको बता दें म.प्र. लोकसेवा आयोग से परीक्षा की तारीखें बदलने की मांग शुरू हो गई है. चुनाव के चलते लागू आदर्श आचार संहिता के कारण अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और ज्ञापन को टाल दिया था, वहीं 21 नवंबर को अभ्यर्थियों ने ई-मेल और डाक से पीएससी मुख्यालय पर तारीख बढ़ाने के आवेदन भेजना शुरू कर दिया. अभ्यर्थियों ने कहा है कि, मतगणना के बाद नई सरकार बनते ही विरोध प्रर्दशन किया जाएगा.
अभ्यर्थियों पर मानसिक दबाव
दिसंबर 2023 में होने वाली तीनों राज्य स्तरीय परीक्षाओं का सिलेबस और पैटर्न अलग-अलग है. इससे जाहिर है कि परिक्षार्थियों पर मानसिक दबाव बढ़ेगा. हजारों ऐसे परिक्षार्थी हैं जो प्री-लिम्स 2023 के एग्जाम में बैठेंगे और ठीक 8 दिन बाद मुख्य परीक्षा 2022 के एग्जाम में भी बैठेंगे, जिससे उन्हें तैयारी का समय बिल्कुल नहीं मिल पाएगा. एमपीपीएससी की 5 साल की अनियमिताओं में पहले ही युवाओं का भविष्य 5 वर्ष पीछे चल रहा है. उनकी उम्र निकल रही है मगर नियुक्ति नहीं मिल रही है. देश के सभी राज्यों में पीएसी की परीक्षाएं भी हो रही हैं, नियुक्ति भी दी जा रही है, लेकिन मध्य प्रदेश इस मामले में 5 वर्ष पीछे चल रहा है यानी 5 सालों से पीएसी की एक भी नियुक्ति नहीं हुई है. अब एक ही माह में तीन परीक्षाओं का बोझ एक साथ छात्रों पर आ गया है.