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जी 7 शिखर सम्मेलन: वैश्विक मंचो पर बढ़ता भारत का वर्चस्व

जी 7 शिखर सम्मेलन: वैश्विक मंचो पर बढ़ता भारत का वर्चस्व

जी 7 शिखर सम्मेलन: भारत और कनाडा के बीच होने वाली जी 7 समिट की वार्ता में शामिल होने के लिए पी एम मोदी कनाडा पहुंचें हैं. यह एक दशक में उनकी पहली कनाडा यात्रा है.कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर पीएम मोदी अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से कनाडा गये है.

इस दौरान प्रधानमंत्री, जी7 देशों के नेताओं, अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ भी बैठक करेंगे. इस मौके पर ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, विशेष रूप से एआई-ऊर्जा संबंध और क्वांटम संबंधी मुद्दों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.


जी-7 है क्या?

जी-7 यानी ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं – फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है. इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और जिओपॉलिटिकल  मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं. विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जी7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जा रहा है.

जी-7 की शुरूआत और इतिहास

G7 समूह की शुरुआत 1975 में हुई थी,जब इसे G6 कहा जाता था. इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल थे. 1976 में जब कनाडा जुड़ा, तो यह G7 बन गया.फिर 1997 में रूस भी शामिल हुआ और यह G8 बन गया. लेकिन 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया, जिसके बाद उसे इस समूह से निलंबित कर दिया गया और यह फिर से G7 रह गया. भारत इस समूह का स्थायी सदस्य नहीं है, फिर भी भारत को अब तक 10 से ज़्यादा बार G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जा चुका है.

भारत पहली बार 2003 में इस बैठक में शामिल हुआ था,जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी फ्रांस में आयोजित सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में गए थे. 2005 से 2009 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हर साल इसमें भाग लेते रहे.इसके बाद भी भारत को कई बार G7 सम्मेलनों में बुलाया गया है.

भारत इतना जरूरी क्यों ?

भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.वैश्विक तौर पर देखा जाये तो तो दक्षिण एशिया में भारत एक प्रमुख आवाज है.आतंकवाद,वैश्विक शांति और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर एक मीडिएटर की भूमिका निभाता है.जी 7 विकसित और विकासशील देशो के बीच के गैप को भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.

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