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भारत में विकसित देशों के मुकाबले सड़क दुर्घटना में मरने की संभावना 600% अधिक, जानें किन राज्यों में होते हैं अधिक हादसे

रिपोर्ट्स के अनुसार 1990 में , स्वीडन और अन्य विकसित देशों की तुलना में भारतीयों की सड़क दुर्घटना में मरने की संभावना 40% अधिक थी जबकि 2021 तक यह असमानता बढ़कर 600% हो गई. यह भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हुई तेजी को दिखाता है.

ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजूरी प्रिवेंशन सेंटर ने हाल ही में सड़क सुरक्षा पर भारत स्थिति रिपोर्ट 2024 यानी की India Status Report on Road Safety 2024 जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) में से लगभग आधी मौतें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु में होती हैं. इसके साथ ही दिव्यांगता-समायोजित जीवन वर्ष (Disability-Adjusted Life Years-DALYs) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में रोड एक्सीडेंट्स से मृत्यु का 13वां प्रमुख कारण रहा है.

बता दें कि सड़क सुरक्षा पर भारत स्थिति रिपोर्ट 2024 में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में भारत की धीमी प्रगति पर प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत की राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा डेटा प्रणालियां, Public Policy का मार्गदर्शन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. इतना ही नहीं भारत सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम साबित हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण ट्रक है. इस तरह के एक्सीडेंट में सबसे ज्यादा नुकसान पैदल यात्री, साइकिल चालक और दो पहिया वाहन सवार को होता है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केवल सात राज्य ऐसे हैं जहां पर 50% से ज़्यादा 2 पहिया वाहन वाले लोग हेलमेट पहनते हैं.

तमिलनाडु, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ टॉप पर
सड़क सुरक्षा पर भारत स्थिति रिपोर्ट 2024 ये बताती है की देश के अन्य क्षेत्रों में विकास के बावजूद रोड दुर्घटनाओं में लगने वाली चोटें भारत में मृत्यु और स्वास्थ्य हानि की एक प्रमुख सार्वजनिक चुनौती बनी हुई हैं. रोड दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में तमिलनाडु, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ सबसे आगे है. 2021 की रिपोर्ट के अनुसार प्रति 1 लाख लोगों पर तमिलनाडु में (21.9), तेलंगाना (19.2), और छत्तीसगढ़ (17.6) लोग रोड दुर्घटना में मारें जाते हैं.

मौत के मामले में 13वां प्रमुख कारण
Disability Adjusted Life Years के अनुसार. साल 2021 में रोड एक्सीडेंट्स में चोट लगने की वजह से होने वाले मौत देश में मृत्यु का 13वां प्रमुख कारण था. जबकि स्वास्थ्य हानि का यह 12वां प्रमुख कारण था. इसके अलावा हरियाणा, जम्मू कश्मीर ,लद्दाख, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश में, सड़क यातायात की चोटें स्वास्थ्य हानि के शीर्ष 10 कारणों में से एक हैं.

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में नाकामयाब भारत
अधिकांश भारतीय राज्य 2030 तक यातायात मौतों को आधा करने और सड़क सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं. रिपोर्ट से ये तो साफ हो गया की भारत रोड दुर्घटनाओं को रोकने में नाकामयाब साबित हो रहा है. इसके अलावा भारत दुर्घटना की निगरानी में भी कामयाब नहीं हो पा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार 1990 में , स्वीडन और अन्य विकसित देशों की तुलना में भारतीयों की सड़क दुर्घटना में मरने की संभावना 40% अधिक थी जबकि 2021 तक यह असमानता बढ़कर 600% हो गई. यह भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हुई तेजी को दिखाता है.

देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारण
1. Infrastructure यानी की आधारभूत संरचना: कई सड़क दुर्घटनाएं दोषपूर्ण सड़क डिजाइन और इंजीनियरिंग की वजह से होती हैं.
2. नियमों का पालन न करना: यातायात नियमों की अनदेखी करने से भी दुर्घटनाओं का खतरा काफी बढ़ जाता है
3. तेज गति से वाहन चलाना: ओवर स्पीडिंग सड़क हादसों का प्रमुख कारण है.
4. मौसम: घना कोहरा, तेज हवाएं और बारिश भी कई बार दुर्घटना का कारण बनती है.
5. शराब पी के गाड़ी चलाना: ड्रिंक एंड ड्राइव से भी सड़क हादसे होते हैं.
6. सीट बेल्ट न पहनना: सीट बेल्ट न पहनने से हादसों का खतरा बढ़ता है.
7. हेलमेट न पहनना: हेलमेट न पहनने से बहुत अधिक दुर्घटनाएं होती हैं.
8. मोबाइल का इस्तेमाल: मोबाइल का इस्तेमाल करने से ध्यान बंटता है और दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.

देश में सड़क हादसों और रोकथाम से जुड़ी जरूरी जानकारी जानने के लिए देखिए ये वीडियो।।