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Tomato Price: बढ़ती कीमतों के बीच सरकार बेच रही सस्ते टमाटर, जानिए कारण और निदान

टमाटर की कीमतों में पहले के मुकाबले लगभग 39% तक का इजाफा हुआ है. टमाटर का सबसे अधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ राज्य में होता है. इन राज्यों में उत्पादित होने वाला टमाटर देश भर में सप्लाई किया जाता है.

देश में टमाटर (Tomato) के दाम (Price) लगातार बढ़ रहे हैं. बढ़ते टमाटर के दाम से खाने का जायका बिगड़ रहा है वहीं टमाटर के अलावा दूसरी सब्जियों (Vegetable) के दाम बढ़ने से भी किचन का बजट बिगड़ता जा रहा है. देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत 100 रुपये से ज्यादा हो गई है. हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में टमाटर की कीमत 130 रुपये हो गई है. वहीं मध्य प्रदेश की बात की जाये तो यहां भी टमाटर की कीमतें 80 रुपये के पार हो गई है. ऐसे में लोगों की थाली से टमाटर गायब होने लगा है. आज के इस आर्टिकल से हम जानेंगे कि देश में टमाटर की कीमतें बढ़ने का कारण और निदान क्या है. आम उपभोक्ताओं को कम कीमत में टमाटर उपलब्ध करवाने के लिए सरकार (Government) क्या कर रही है.

बता दें कि टमाटर की कीमतों में पहले के मुकाबले लगभग 39% तक का इजाफा हुआ है. देश के प्रमुख शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतें 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जबकि दो हफ्ते पहले यही टमाटर 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहे थे. ऐसे में देश में टमाटर की बढ़ती कीमतों के पीछे तीन प्रमुख कारण माने जा रहे हैं. जिसमें टमाटर की फसल की रोपाई में देर हुई जिसकी वजह से सप्लाई घटी और कीमतें बढ़ गईं. वहीं जिन राज्यों में ज्यादा टमाटर होते हैं वहां टमाटर के पौधों में कीड़े लग गए, जिसके चलते टमाटर का उत्पादन घट गया. तीसरा प्रमुख कारण यह भी रहा कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में भारी बारिश के कारण टमाटर की फसल बर्बाद हो गई.

टमाटर उत्पादक राज्य
टमाटर का सबसे अधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ राज्य में होता है. इन राज्यों में उत्पादित होने वाला टमाटर देश भर में सप्लाई किया जाता है. इसके साथ ही दूसरे देशों में टमाटर का निर्यात भी किया जाता है. खास बात यह है कि टमाटर का उत्पादन साल में केवल दो बार ही किया जाता है. जबकि प्याज जैसी फसलें साल में तीन बार उत्पादित की जाती हैं. हालांकि पॉली हाउस में साल भर टमाटर का उत्पादन किया जा सकता है.

मांग के मुकाबले घट गई सप्लाई
बेमौसम बारिश और वायरस के हमले से नासिक के आसपास के प्रमुख कृषि क्षेत्रों में टमाटर की फसल को नुकसान होने के बाद टमाटर की कीमतों में अचानक तेजी आयी है. वहीं आपूर्ति में उल्लेखनीय कमी आने से केवल एक सप्ताह के भीतर कीमतें बढ़ गई हैं. खास बात यह भी है कि टमाटर की फसल खराब होने के कारण बाजार में मांग के मुकाबले टमाटर की सप्लाई घट गई. कुछ व्यापारी त्योहारों के मौसम में बढ़ती मांग का फायदा उठा कर भी ऊंचे रेट पर टमाटर बेच रहे हैं. जानकारों की मानें तो टमाटर की बढ़ती कीमतों से जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं है, इसके उलट टमाटर की कीमतें और बढ़ सकती हैं.

सस्ता टमाटर बेच रही सरकार
आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार सस्ता टमाटर बेच रही है. यह टमाटर नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF), NAFED, और सफल (Safal) के आउटलेट पर 65 रुपये किलो की दर से बेचे जा रहे हैं. इसके अलावा मोबाइल वैन से भी कई इलाकों में टमाटर सब्सिडी देकर बेचे जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि 65 रुपये प्रति किलो की दर पर टमाटर बेचने के बावजूद सरकार को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. यह थोक और खुदरा कीमतों के बीच भारी अंतर को उजागर करता है.

टमाटर और सब्जियों के दाम से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो।।