सतना की शारदा कॉलोनी में सिविल लाइन प्रोजेक्ट के दौरान मिट्टी धंसने से गढ्ढे में गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई. मजदूर का नाम सुरेंद्र कुशवाहा उर्फ खिलाड़ी बताया गया है. मृतक ग्वालियर का रहने वाला था वह सुरेंद्र एन विराट नाम की कंपनी का कर्मचारी था.
ये हादसा सिविल लाइन कार्य के दौरान मिट्टी धसने के चलते गुरुवार की शाम 6 बजे हुआ है. जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने पुलिस हादसे की सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ की टीम के साथ पहुंची. मजदूर सुरेंद्र कुशवाहा 22 फीट गहरे गड्ढे के मलबे में फंसा हुआ था. एसडीआरएफ की टीम लगातार मजदूर को बाहर निकालने के लिए 3 घंटे से ज्यादा तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला लेकिन मजदूर को सही नहीं निकाला जा सका.
अभी कुछ महीने पहले भी मारुति नगर में ही सीवर लाइन के ट्रेंच में मजदूर गिर गया था और उसके ऊपर मलवा भी धस गया था. लेकिन कई घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद उसे कुशल बाहर निकल लिया गया था. अब यह दूसरा हादसा है लेकिन इसमें युवक की जान नहीं बचाई जा सकी.
जब ये घटना घटी उस वक्त सतना के बीजेपी सांसद गणेश सिंह जी मौके पर मौजूद थे. उनका कहना है कि यह घटना बेहद पीड़ा दायक है ठेकेदार की लापरवाही से मजदूर की जान गई है. गणेश सिंह ने सीवर लाइन प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा जब शहर के बीच में सीवर लाइन का काम चल रहा है तो उसमें सुरक्षा का पर्याप्त ध्यान नहीं रखा क्यो नहीं दिया गया.
ये हादसा खुदाई के दौरान मिट्टी धसने के चलते हुआ है. पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहते हैं कि श्रमिक की जान बचाई जा सकती थी. लेकिन ठेका कंपनी की घोर लापरवाही और मनमानी के कारण श्रमिक को अपनी जान गंवानी पड़ी है. ठेका कंपनी के जिम्मेदारों पर तत्काल हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर उन्हे गिरफ्तार किया जाए. उनकी मांग है कि ठेका कंपनी मृतक परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और आश्रित को नौकरी भी दे.
वहीं अब इस हादसे को हुए 24 घंटे से अधिक हो चुके हैं. अब इसमें एक और कड़ी सामने आई है. बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रत्नाकर चतुर्वेदीशिव ने भी श्रमिक की मौत पर एफआईआर की मांग करते हुए मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और नौकरी सुनिश्चित करने की बात कही है. इस संबंध में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर अति शीघ्र कार्यवाही की भी मांग की है.