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मैहर के लिए वरदान बनी इमिलिया खदान, ऐसे बुझ रही पूरे शहर की प्यास

गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत (water crisis) शुरू हो जाती है. इस बार मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में औसत से कम बारिश होने के कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है. मैहर (Maihar) जिले के हालत भी कुछ ऐसे ही हैं. मैहर में जलस्तर कम होने के कारण नगरीय क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति में कठिनाई होने लगी है. ऐसे में नगरपालिका क्षेत्र में पेयजल (Drinking Water) की आपूर्ति और उपलब्धता के लिए मैहर कलेक्टर रानी बाटड (Maihar Collector Rani Bated) ने नगर पालिका अधिकारियों को वैकल्पिक जलस्त्रोत ढूंढ कर पेयजल आपूर्ति बहाल करने के आदेश दिए. जिसके बाद केजेएस सीमेंट प्लांट (KJS cement plant maihar) की खदान का चयन किया गया है.

खास बात यह है कि पेयजल संकट से जूझ रहे मैहर जिले के लिए केजेएस सीमेंट प्लांट की इमिलिया खदान जलदायनी बन गई है. इस खदान से हर रोज लगभग 30 लाख लीटर पानी नगर पालिका मैहर के फिल्टर प्लांट पहुंच रहा है. खदान के समीप 25 हार्सपावर की मोटर लगाकर लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मैहर नगर पालिका के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी लाया गया है. इतनी दूरी से पानी लाने के लिए 110 सेंटीमीटर डाया की पाइनलाइन बिछाई गई है. इस पानी को ट्रीटमेंट के बाद घर-घर पहुंचाया जा रहा है.

40 लाख लीटर पानी की जरूरत
मैहर नगर पालिका के लिए लगभग 40 लाख लीटर पानी की हर दिन जरूरत होती है. लेकिन फिल्टर प्लांट की क्षमता 20 लाख लीटर पानी की ही है. जिसके लिये इमलिया खदान से आपूर्ति हो रही है. बाकि क्षेत्र के जलस्त्रोतों से 10 लाख लीटर पानी की आपूर्ति हो रही है. गर्मी के मौसम में मैहर नगर पालिका क्षेत्र में जलसंकट और पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए हर संभव कार्य किया जा रहा है.

टैंकर से पहुंचाया जा रहा पानी
नगर पालिका मैहर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी लालजी ताम्रकार ने मीडिया को बताया कि अल्पवर्षा और गिरते जलस्तर के कारण नगर में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही थी. नगरपालिका क्षेत्र में एक दिन छोड़कर और कुछ वार्डों में टैंकर के माध्यम से भी पानी पहुंचाया जा रहा है.