मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी पार्टी बदलने की वजह से अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. इसबार नारायण अपनी पार्टी यानी विंध्य जनता पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे हैं और बीजेपी पर जमकर आरोप भी लगाए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी राम के नाम पर राजनीति करती है. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विंध्य फर्स्ट ने नारायण त्रिपाठी से खास बात-चीत की है.
इस इंटरव्यू में बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमलावर हुए नारायण त्रिपाठी लेकिन अपने ही विधायक निधि के सवालों पर बचते नजर आए
सवाल: विंध्य पार्टी बनाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
जवाब: विंध्य उपेक्षित है, विंध्य के साथ छलकपट धोखा करके विलय कर दिया गया. जिन शर्तों पर विलय किया गया उन शर्तों का पालन नहीं किया गया. बच्चों के एजुकेशन के लिए कोई काम नहीं किया गया. जिनके पास पैसा है वो बच्चों को बाहर भेजकर पढ़ा लेते हैं, जिनके पास पैसा नहीं है उनके बच्चे गांव में जैसे-तैसे पढ़ रहे हैं. मैं अपनी बेटी को बाहर पढ़ने नहीं भेज पाया और यहां पढ़ाई की कोई सुविधा नहीं थी. मामा केवल गारंटी लेते हैं, लेकिन करते कुछ नहीं हैं. विंध्य के लोग रोज़गार के लिए देशभर में भटक रहे हैं, कप-प्लेट धोकर अपना घर चला रहे हैं. जबकि हमारे यहाँ खनिज संपदा भर पड़ा है, जो 90 प्रतिशत तक बाहर भेजा जाता है. ये सब परेशानियाँ देखते हुए हम विंध्य के पुनर्निर्माण की लड़ाई लड़ रहे हैं, और इस लड़ाई के लिए मंच ज़रूरी था, इसलिए विंध्य जनता पार्टी आप सबके बीच है.
सवाल: विंध्य के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है?
जवाब: विंध्य पूरी तरह उपेक्षित है और यह स्वभाविक भी है. विंध्य के जो नेता है वो बड़े सीधे हैं. ये कभी बोल नहीं सकते, नेताओं के अपने-अपने व्यापार हैं इसलिए वो डरते हैं, इसलिए विंध्य के बारे में कभी सोच नहीं सकते कि यहाँ के लोगों की समस्या क्या है. यहाँ बिजली नहीं है, किसानों को खाद नहीं मिल रहा है, ट्रांसफार्मर जले हुए हैं. लेकिन कोई बोल नहीं सकता, नेताओं को दल की चिंता है, अपने टिकट की चिंता है. लोगों के चुप रहने की वजह से ही विंध्य उपेक्षित है.
सवाल: आप पर आरोप लगते हैं कि पार्टियां बदलते रहते हैं, आप पर जनता भरोसा कैसे करे?
जवाब: मैं किसी दल का बंधुआ मज़दूर नहीं हूँ, ये जो दल हैं ये हम लोगों का इस्तेमाल करते हैं और काम निकलने के बाद किनारे कर देते हैं.
सवाल: विधायक निधि से क्षेत्र के विकास में कितना खर्च हुआ इसका डाटा नहीं मिला?
जवाब: विधायक निधि मैं घर तो नहीं ले गया. एक रुपये की विधायक निधि कहीं बर्बाद नहीं हुई, क्षेत्र के विकास में ही लगी है. डाटा की आप बात करते हैं, बीजेपी तो इस तरह डाटा पेश करती है कि लगता है देश फिर से सोने की चिड़िया बन गया है. मैं डाटा नहीं जानता सिर्फ़ काम जानता हूँ और मेरे काम के बारे में आप किसी से भी पूछ सकते हैं.
इसके बाद नारायण त्रिपाठी ने सवालों का जवाब देने से मना कर दिया और बीच में ही इंटरव्यू छोड़कर चले गए
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