Vindhya First

Search

Media Scan:15 नवंबर की मुख्य खबरों में है चुनाव प्रचार में खर्चों का ब्यौरा और जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से जुड़ी समस्या

चुनाव प्रचार में सभी उम्मीदवारों को निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्रों में निर्वाचन व्यय का पूरा लेखा देना जरूरी है. नामांकन दाखिल होने के बाद से निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक उम्मीदवार को तीन बार निर्वाचन व्यय का लेखा देना होता है. इसी तरह निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के 30 दिन की अवधि में संपूर्ण लेख भी प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है. विधानसभा क्षेत्र सिरमौर से राष्ट्रवादी भारत पार्टी के अभ्यर्थी अवनीश शुक्ला द्वारा 23 लाख 98 हजार रुपए खर्च किए गए हैं. वहीं सेमरिया के अभ्यर्थी अभय मिश्रा द्वारा 14 लाख 10768 रुपए खर्च किए गए हैं.त्योंथर के अभ्यर्थी रमाशंकर सिंह द्वारा 13 लाख 63 हजार खर्च किए गए हैं.मऊगंज के अभ्यर्थी सुखेंद्र सिंह बन्ना द्वारा 10 लाख 70 हज़ार रुपए खर्च किए गए हैं. देवतालाब के अभ्यर्थी गिरीश गौतम द्वारा 10 लाख 77 हजार रुपए,मनगवां की अभ्यर्थी बबीता साकेत द्वारा 17 लाख 21 हजार रुपए खर्च किए गए हैं और रीवा के राजेंद्र शर्मा द्वारा 8 लाख 67 हज़ार खर्च किए गए हैं.


विधानसभा चुनाव में 491 बसें और 228 जीप लगेंगी. सिरमौर में 80 वाहन लगेंगे. सेमरिया में भी 80 वाहन लगेंगे. त्यौंथर में 85,मऊगंज में 83, देवतालाब में 99,रीवा में 85 और गुढ़ में 100 वाहन लगेंगे. मनगवां में सबसे ज्यादा 107 वाहन लगेंगे. मतदान दलों के लिए 10 फीसदी वाहन रिजर्व रहेंगे.

गुढ़ अंतर्गत ग्राम महसांव में 1 साल से नल जल योजना के तहत पानी की टंकी बनाई गई है लेकिन इसमें आज तक पानी नहीं भरा गया जिसका असर गांव के लोगों पर पढ़ रहा है.यहां आज तक पानी की सप्लाई का लाभ किसी को नहीं मिला जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त है. ठंड के सीजन में तो काम चल भी जाता है लेकिन गर्मी के मौसम में हालात और भी ज्यादा खराब हो जाते हैं.

अगली खबर स्वास्थ्य के क्षेत्र से है.रीवा जिला अस्पताल से एक और गड़बड़ी सामने आ रही है जहां ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट नहीं है. इस वजह से यहां स्थित एकमात्र ब्लड बैंक में थैलेसीमिया सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को फिल्टर्ड ब्लड नहीं मिल रहा है. इस वजह से कई महीने से उन्हें बिना फिल्टर किया हुआ ब्लड ही चढ़ाना पड़ रहा है या फिर 2000 खर्च करके ब्लड फिल्टर करवाना पड़ता है.जो गरीब परिवारों से हैं उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.डेंगू,बर्न केस आदि मामलों में खून की जरूरत पड़ती है.अनफिल्टर्ड खून लगाने की वजह से आयरन की गोलियां खानी पड़ती है.

प्रादेशिक, देश-विदेश, व्यापार और खेल से जुड़ी खबरों को जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो