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इन चार तरीकों से फाइनेंसियल धोखाधड़ी के शिकार होते हैं लोग, 4 महीने में 1,776 करोड़ रुपये का नुकसान    

इंटरनेट (Internet) पर की जाने वाली फाइनेंसियल धोखाधड़ी (Financial Fraud) के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में होने वाली फाइनेंसियल धोखाधड़ी के अधिकांश मामलों में कथित तौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया के तीन देशों म्यांमार, लाओस और कंबोडिया के साइबर क्रिमिनल (Cyber criminal) शामिल होते हैं. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र यानी I4C ने पाया कि, जनवरी 2024 से अप्रैल 2024 के बीच हुए फाइनेंसियल धोखाधड़ी के 46 फीसदी मामले सामने आए, जिनमें पीड़ितों को कुल मिलाकर तकरीबन 1,776 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

बता दें कि I4C केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है, जिसका उद्देश्य “देश में साइबर अपराध की रोकथाम, अपराध का पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए एक प्रभावी संरचना बनाना है. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल यानी NCRP के आंकड़ों से पता चलता है कि, इस साल 1 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 7.40 लाख शिकायतें की गईं, जबकि 2023 में कुल 15.56 लाख शिकायतें मिली थीं. वहीं साल 2022, 2021, 2020 और 2019 में क्रमशः कुल 9.66 लाख, 4.52 लाख, 2.57 लाख और 26,049 शिकायतें दर्ज हुईं थीं.

इन चार तरीकों से होती है धोखाधड़ी
I4C ने इन तीन देशों में होने वाली धोखाधड़ी की चार व्यापक श्रेणियों की पहचान की है. पहला है ट्रेडिंग घोटाला जिसमें कथित साइबर क्रिमिनल्स, सोशल मीडिया पर एडवरटाइजमेंट जारी कर मुफ़्त ट्रेडिंग टिप्स की पेशकश करते हैं. इसके बाद लोगों को कुछ खास ट्रेडिंग एप्लीकेशन इंस्टॉल करने और खुद को रजिस्टर करने के लिए कहा जाता था. यहीं से लोग धोखाधड़ी का शिकार होना शुरू हो जाते हैं. इनमें से कोई भी ऐप Stock market regulator Securities and Exchange Board of India के साथ पंजीकृत नहीं होता है, लेकिन पीड़ित आमतौर पर इसकी जांच करना भूल जाते हैं.

दूसरे नंबर पर है डिजिटल गिरफ्तारी
इसमें विक्टिम्स को एक कॉल की जाती थी, जिसमें कॉलर उन्हें बताता था कि, उन्होंने एक पार्सल भेजा है या आपने पार्सल मंगाया है, जिसमें अवैध चीजें जैसे ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या अन्य प्रतिबंधित सामान हैं. कुछ मामलों में, रिश्तेदारों या मित्रों को बताया जाता है कि, वो किसी क्राइम में संलिप्त है. ऐसे में पीड़ित उनके जाल में फंस जाता है. जनवरी से अप्रैल में इस तरह के घोटाले में भारत के लोगों ने कुल 120.30 करोड़ रुपये गंवाए.

तीसरे नंबर पर है निवेश घोटाला
इसमें पीड़ितों को आमतौर पर एक विदेशी नंबर से व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होता है, जो कथित तौर पर किसी कंपनी के प्रतिनिधि का होता है, जिसमें घर से काम करते हुए बड़ी रकम, जैसे कि 30,000 रुपये, कमाने का ऑफर होता है. जवाब देने वालों से कहा जाता है कि, उन्हें कुछ संस्थाओं की सोशल मीडिया रेटिंग को 5 स्टार रेटिंग देकर बढ़ाने में मदद करनी होगी. इस काम के लिए निश्चित राशि जमा करने के बाद अधिक पैसे रिटर्न करने का वादा किया जाता है. भारतीय ने इस “निवेश घोटाले” में कुल 222.58 करोड़ रुपये खो दिए हैं.

चौथे नंबर पर है डेटिंग घोटाला
इसमें पीड़ित पुरुष विदेशी महिलाओं के बहकावे में आ जाते हैं. ये महिलाएं रिश्ते या शादी का ऑफर रखती हैं, और फिर व्यक्तिगत रूप से मिलने आने की योजना बनाती हैं. हालांकि, पीड़ित को आमतौर पर “महिला” का फ़ोन आता है कि, उसे हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया है, और उसे बाहर निकलने के लिए पैसे की ज़रूरत है. ऐसे ठग ज़्यादातर डेटिंग और सोशल मीडिया साइट्स पर छिपे रहते हैं और पीड़ितों का भरोसा जल्दी से जल्दी जीतने की कोशिश करते हैं. इस साल के पहले चार महीनों में रोमांस/डेटिंग घोटालों में भारतीय पीड़ितों को कुल मिलाकर 13.23 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.