मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा वन विभाग (Rewa Forest Department) ने वनपरिक्षेत्र सिरमौर (Forest Range Sirmaur) अंतर्गत ग्राम इटमा से एक तेंदुए (leopard) का सफल रेस्क्यू (successful rescue) किया है. इटमा गांव में बीते कई दिनों से एक तेदुएं ने आतंक मचाया था. इस इलाके में लगातार कई दिनों से मवेशियों (cattle) पर हमला हो रहा था. वन विभाग की जांच में पता चला कि जंगली जानवर गांव के मवेशियों पर हमला कर उन्हें मार रहा है.
रीवा वन विभाग की टीम ने इसपर तुरंत एक्शन लेते हुए तेंदूए को रेस्क्यू करने का फैसला किया गया. जिसके लिए वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम (wild life protection act) 1972 की धारा 11(1)a अंतर्गत अनुमति जारी की गई.
अनुमति मिलते ही मुकुंदपुर वन्यप्राणी विशेषज्ञ (Mukundpur Wildlife Specialist), वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरमौर के साथ अन्य स्टाफ वरिष्ठ ने रणनीति बनाते हुए 8 मई की शाम को ऑपरेशन शुरू करते हुए ट्रैप केज (trap cage) स्थापित कर दिया. तेंदुए ने रात को ही गांव में एक और बछड़े पर हमला किया, लेकिन वन अमले ने मवेशी को बचा लिया. जिसके बाद 9 मई सुबह लगभग 5 बजे तेंदुआ ट्रैप केज के पास पहुंच गया और उसे कैद कर लिया गया.
तेंदुआ ट्रैप होने की सूचना मिलने के उपरांत वन परिक्षेत्र अधिकारी, मुकुंदपुर रेस्क्यू टीम और वनमण्डल अधिकारी भी ग्राम इटमा पहुंच गए. परीक्षण में पाया गया कि पिंजरे में कैद तेंदुआ 3.5 से 4 वर्ष (अनुमानित) उम्र की वयस्क मादा है, और पूरी तरह स्वस्थ है.
वन मण्डल अधिकारी रीवा, वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरमौर, वन्यप्राणी विशेषज्ञ एवं पशुचिकित्सक की उपस्थिति में सुबह 10:30 बजे तक केज ट्रांसफर करके अतिरिक्त सुरक्षा टीम के साथ रेस्क्यू वाहन, तेंदूए को सुरक्षित दूर जंगल में छोड़ने के लिए रवाना हो गया और शाम करीब 5 बजे तेंदुए को जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया.
तेंदुए का सफल रेसक्यू करने के लिए रीवा वन विभाग टीम की खूब सराहना हुई. तेंदुए के रेस्क्यू के लिए रीवा वन विभाग के अमले ने नाइट विजन कैमरे से सतत गश्त, ड्रोन से एरिया मेपिंग, तेंदूए के संभावित रूट में कैमरा ट्रैप भी लगाया था.