Vindhya First

Search

विंध्य की बेटी: जब प्रेसिडेंट के सामने IES वर्षा ने किया विंध्य का नाम रोशन, वीडियो देख रो पड़े थे पिता

विंध्य की बेटी

आज की कहानी मध्यप्रदेश के रीवा जिले के एक छोटे से गांव खौर की बेटी वर्षा कुशवाहा की है. वर्षा देशभर में विंध्य का नाम रोशन कर रही हैं. वर्षा आज IES बन चुकीं हैं. वर्षा UPSC 2020 बैच की चयनित अभ्यर्थी हैं. उनकी प्राथमिक शिक्षा खौर गांव के ही अखंड ज्ञान स्कूल से हुई. इसके बाद 5वीं से 8वीं तक उन्होंने चिरहुला कॉलोनी की एक स्कूल से पढ़ाई की. वर्षा आठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ीं. फिर 9वीं कक्षा से मार्तंड क्रमांक-1 में इंग्लिस मीडियम में दाखिला लिया. जहां पर वर्षा को कई सारी कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ा. लेकिन उसके बावजूद वर्षा ने हार नहीं मानी और सपने को साकार करने के लिए लगातार प्रयत्न करतीं रहीं. वर्षा हिंदी मीडियम की छात्रा होने के बावजूद एक्सिलेंस स्कूल रीवा में टॉप किया था. 

वर्षा हमेशा से ही टॉपर रहीं है. जबकि वर्षा के घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी. लेकिन उसके बाद भी वर्षा कभी भी हार नहीं मानी और लगातार अपने संघर्ष पथ में अग्रसर रहीं. वर्षा के पिता जी कहते हैं कि मैं अपने बेटी को डॉ. बनाना चाहता था. वर्षा के पिता जी की ख्वाहिश थी कि लोग एक दिन उनको उनकी बेटी के नाम से जानें. वहीं वर्षा के दादाजी चाहते थे कि उनकी नातिन एक दिन बड़ी ऑफिसर बनकर केवल हमारा ही नहीं बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र का नाम ऊंचा करे.

जब वर्षा के दादा जी की डेथ हो गई थी. तब उस समय उनके घर में आर्थिक तंगी की वजह से परेशान वर्षा की मां ने उन्हें नौकरी करने की सलाह दी थी. तब किसे पता था कि एक दिन इस परिवार को लोग वर्षा के नाम से जाने जाएंगें. जब साल 2023 में वर्षा भारत के राष्ट्रपति भवन में महामहिम द्रौपदी मुर्मू  के सामने प्रेजेंटेशन दी थी. जिसका वीडियो देखकर वर्षा के माता-पिता खुशी के मारे रो पड़े. उनके पिता जी कहते हैं कि मुझे तब उतनी खुशी नहीं हुई जब वर्षा का IES में चयन हुआ था. जितना कि उसको राष्ट्रपति भवन में भाषण देते हुए हुई. वर्षा के संघर्ष की कहानी विंध्य की हज़ारों लड़कियों के लिए प्रेरणा है.

वर्षा के संघर्ष और सफलता की कहानी जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो ||